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अधूरी पुलिया दे रही भ्रष्टाचार की गवाही,सरपंच- सचिव ने चट कर दी राशि, ग्रामीण परेशान

✓अधूरी पुलिया दे रही भ्रष्टाचार की गवाही,सरपंच- सचिव ने चट कर दी राशि, ग्रामीण परेशान

अंकित सिंह तोमर /परिधि न्यूज दामजीपुरा

जनपद पंचायत भीमपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत झाकस में उमरघाट–पाली मार्ग पर बनाई जा रही पुलिया ग्रामीणों के लिए उम्मीद की किरण थी। इस पुलिया से न केवल सैकड़ों ग्रामीणों को आवाजाही में सहूलियत मिलनी थी बल्कि बरसात के दिनों में अलग-थलग हो जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलता। लेकिन हकीकत इसके उलट है। पुलिया का निर्माण आधा-अधूरा छोड़ दिया गया है और जिस राशि का मूल्यांकन भी नहीं हुआ, वह सरपंच और सचिव की मिलीभगत से हजम कर ली गई।

मूल्यांकन के बिना निकाली राशि

ग्रामीणों के मुताबिक इस पुलिया का काम अभी पूरा नहीं हुआ, बावजूद इसके संबंधित अधिकारियों और पंचायत सचिव–सरपंच ने राशि का मूल्यांकन दिखाकर भुगतान कर लिया। यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है। बिना मूल्यांकन के सरकारी राशि निकालना न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

पारदर्शिता पर सवाल

ग्राम पंचायत में कामकाज को लेकर पहले भी अनियमितताओं की शिकायतें उठती रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव आपसी सांठगांठ से निर्माण कार्यों में धांधली करते हैं। काम कागजों में पूरा दिखा दिया जाता है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और होती है। पुलिया इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनकर सामने आई है।

जवाबदेही से भाग रहे जिम्मेदार

जब ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही तो पंचायत प्रतिनिधि टाल-मटोल करने लगे। यहाँ तक कि कई बार ग्रामीणों को धमकाया भी गया कि शिकायत करने पर विकास कार्य रुक जाएंगे। यह रवैया न केवल लोकतांत्रिक प्रणाली का मजाक उड़ाता है बल्कि विकास कार्यों पर पानी फेरने जैसा है।

ग्रामीणों की मांग – हो जांच और कार्रवाई

ग्रामीण अब एकजुट होकर मांग कर रहे हैं कि इस अधूरे निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच हो। जिन लोगों ने बिना मूल्यांकन के राशि निकाली है, उन पर कठोर कार्रवाई की जाए और अधूरी पुलिया को जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर समय रहते सुनवाई नहीं हुई तो वे जन आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

भ्रष्टाचार की खुली किताब

यह मामला सिर्फ एक पुलिया का नहीं है, बल्कि उस व्यवस्था का आईना है जिसमें भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। जिस विकास कार्य के लिए जनता टैक्स देती है, वही पैसा जिम्मेदार लोग डकार जाते हैं। नतीजा यह होता है कि जनता को राहत की बजाय केवल परेशानी मिलती है।

अधिकारियों से उम्मीद

अब ग्रामीणों की निगाहें जिला प्रशासन और जनपद पंचायत अधिकारियों पर टिकी हैं। अगर समय रहते इस गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं हुई तो इसका असर भविष्य की योजनाओं और आम लोगों के विश्वास पर पड़ेगा।इस संबंध में जानकारी के लिए ग्राम पंचायत सचिव रावजी उईके को कॉल किया गया उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

इनका कहना

मेरे द्वारा लेआउट दिया गया किंतु मूल्यांकन नहीं किया गया।

 ऋषिकांत दुबे, इंजीनियर, जनपद पंचायत भीमपुर

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