PARIDHI KHAS:रात होते ही शिकार की तलाश में निकल पड़ती है नायब तहसीलदार की गाड़ी..!
✓रात होते ही शिकार की तलाश में निकल पड़ती है नायब तहसीलदार की गाड़ी..!
✓भीमपुर में है तो सब संभव है: तहसीलदार की गाड़ी से मालिक और कोटवारों की तिगड़ी की अवैध वसूली चर्चा में
✓बिना साहब की जानकारी क्या संभव है वसूली का खेल?
परिधि न्यूज बैतूल
भीमपुर में है तो सब संभव है यह बात ऐसे ही नहीं कही जाती। जिले का दूरस्थ एवं सबसे पिछड़ा अंचल भले ही कई मायनों में पीछे छूट गया हो लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में इस अंचल से सीखा जा सकता है। शार्ट कट से कमाई और अवैध कमाई के लिए यहां जिस तरह के पैतरे आजमाए जाते है वह हमेशा चौकाने वाले होते है। स्वच्छ भारत मिशन घोटाला भी भीमपुर जनपद पंचायत से ही उजागर हुआ था, 13 करोड़ के घोटाले की गूंज अभी भी यदा-कदा सुनाई देती है। ताजा मामला अवैध वसूली का है जिसमें नायब तहसीलदार के लिए अनुबंधित गाड़ी का उपयोग कर वाहन मालिक और तीन कोटवारों की तिगड़ी रात होते ही शिकार पर निकल पड़ती है। अवैध रेत परिवहन एवं अन्य राजस्व संंबंधी वाहनों को रोककर वाहन चालकों एवं मालिकों से हजारों रुपए वसूल किए जाते है। नायब तहसीलदार की गाड़ी रात के अंधेरे में सडक़ पर निकलती है और शिकार की तलाश करती है। बुधवार को जब तीन कोटवारों एवं वाहन मालिक ने मिलकर एक डम्फर चालक से 80 हजार रुपए की वसूली की और इतने से भी न मानते हुए डम्फर के मालिक से 20 हजार रुपए फोन पे पर अलग से प्राप्त किए तब यह सनसनीखेज उगाही का मामला उजागर हुआ। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नायब तहसीलदार बसंत बरखानिया, एसडीएम अजीत मरावी, कलेक्टर एवं कमिश्रर तक के संज्ञान में यह मामला है।
डम्फर चालक से मारपीट कर 80 हजार छीने
प्राप्त जानकारी के अनुसार भीमपुर में अधिकारी के वाहन का रौब दिखाकर अवैध वसूली का सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है। नायब तहसीलदार बसंत बरखानिया के लिए तहसील कार्यालय भीमपुर में अनुबंधित गाड़ी को वाहन मालिक द्वारा रात में अपने घर ले जाया जाता है। इसके बाद इसी गाड़ी का उपयोग अवैध वसूली के लिए किया जाता है। अवैध वसूली के लिए वाहन मालिक के साथ तीन ग्राम कोटवारों की तिकड़ी भी शामिल है। वर्दी पहनकर वाहन मालिक के साथ तीनो कोटवार रात में शिकार करते है। बुधवार रात भी इस वाहन मालिक सहित कोटवारों की चौकड़ी ने रातामाटी के पास एक खाली डम्फर को रोका। डम्फर चालक राहुल पाटनकर निवासी पलस्या के पास स्टोन के्रशर की गिट्टी के 80 हजार रुपए थे, जिसमें से वह दो सौ रुपए खर्च कर चुका था। साहब की गाड़ी का रौब दिखाकर डम्फर रुकवाया गया और दो लोग डम्फर पर चढ़ गए। डम्फर चालक के साथ मारपीट कर डरा धमकाकर 79 हजार 800 रुपए छीन लिए गए। इससे भी संतुष्ट न होने पर डम्फर चालक से डम्फर के मालिक सुरेन्द्र यादव को फोन लगवाया गया। डम्फर के मालिक को भी फोन पर डरा धमकाकर रुपयों की मांग की गई। जिस पर सुरेन्द्र यादव ने दिए गए नंबर पर 20 हजार रुपए फोन पे किए। यह नम्बर गोलू उमेश बामने का बताया जा रहा है। और बीस हजार दूसरे नंबर पर डालने के लिए जब दबाव बनाया गया तो सुरेन्द्र यादव ने सीधे नायब तहसीलदार को फोन किया, कॉल नहीं उठने पर डम्फर के मालिक ने एसडीएम श्री मरावी को कॉल किया। जब नायब तहसीलदार श्री बरखानिया ने वापस कॉल किया और बताया कि वह गाड़ी में है ही नहीं तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में अवैध वसूली की जानकारी आते ही जिस फोन पे नंबर पर 20 हजार रुपए डाले गए थे वह रिटर्न कर दिए गए, लेकिन 79 हजार 200 रुपए लेकर तीनों कोटवार और वाहन मालिक चले गए।
वाहन मालिक और कोटवारों की सांठगांठ
भीमपुर में रेत, गिट्टी के वाहनों से अवैध वसूली करने का सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार के वाहन का रौब दिखाकर रतनपुर, सिंगार चावड़ी और रातामाटी के कोटवार के साथ मिलकर अनुबंधित वाहन के मालिक द्वारा चक्रव्यूह रचा जाता है। सूत्रों के मुताबिक ताप्ती नदी के किनारे बसे ग्राम चांदू के मुख्य मार्ग पर अनुबंधित वाहन तकरीबन 10 से 12 दिनों से इस तरह की ट्रैक्टर ट्राली डंपर को रोक कर दबाव बनाते हुए राजसात की कार्रवाई का हवाला देते हुए अवैध वसूली में लगे हैं। परिधि न्यूज से चर्चा में डम्फर मालिक सुरेन्द्र यादव ने बताया कि दशहरा होने की वजह से गुरुवार को शिकायत नहीं हो पाई, आज भीमपुर चौकी में डम्फर चालक राहुल पाटनकर द्वारा मारपीट एवं करीब 80 हजार रुपए छीनने की शिकायत की जा रही है।
गौवंश तस्करी करने वालों से भी होती है वसूली
सूत्र बताते है कि तीनों कोटवार एवं वाहन मालिक द्वारा इस क्षेत्र से गौवंश तस्करी में लिप्त लोगों से भी वसूली की जाती है। जनचर्चा है कि बिना अधिकारी की जानकारी के लम्बे समय से उनके वाहन का उपयोग अवैध वसूली के लिए किया जा रहा है, क्या यह संभव है? या अधिकारी के शय पर ही कोटवार और वाहन मालिक सरकारी वाहन का दुरुपयोग कर रहे है। अवैध वसूली करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए वाहन का अनुबंध खत्म करने की मांग कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी से क्षेत्र के जागरुक नागरिकों ने की है। इस संबंध में पक्ष जानने के लिए भीमपुर नायब तहसीलदार बसंत बरखानिया, एसडीएम अजीत मरावी को कॉल किया गया उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी से भी चर्चा नहीं हो पाई।
कुछ सुर्खियां यह भी
नायब तहसीलदार की गाड़ी में तीन कोटवारों के साथ मिलकर वाहन मालिक द्वारा की जा रही अवैध वसूली को लेकर क्षेत्र में अलग अलग चर्चाएं सुर्खियां बटोर रही है।कुछ लोगों का दावा है कि बिना साहब की जानकारी यह संभव ही नहीं है।एक जागरूक व्यक्ति ने नाम उजागर न करने की शर्त पर यह दावा भी किया कि बुधवार रात को साहब भी खुद गाड़ी में थे। यह भी विचारणीय है कि किसी अधिकारी की गाड़ी में तीन तीन कोटवारों द्वारा यदि वसूली की जा रही है तो क्या उन्हें किसी का डर नहीं है।इसके अलावा जिस डंफर को पकड़ा गया उसके मालिक का अपना राजनीतिक रसूख है।यह संभव ही नहीं है कि ड्राइवर और कोटवार के कहने पर वह 20 हजार रुपए फोन पे कर दे।इसके पीछे किसी पावरफुल व्यक्ति का दबाव जरूर रहा होगा।क्षेत्र में अवैध वसूली चर्चा में है।