तो लगा देंगे स्कूल में ताला:केकड़िया कला में ग्रामीणों ने किया हाई स्कूल का औचक निरीक्षण शिक्षक मिले नदारत
✓केकड़िया कला में ग्रामीणों ने किया हाई स्कूल का औचक निरीक्षण शिक्षक मिले नदारत
अंकित सिंह तोमर परिधि न्यूज दामजीपुरा
भीमपुर विकासखंड के केकड़ियाकला ग्राम के हाई स्कूल में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों ने स्वयं विद्यालय पहुँचकर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि विद्यालय में तैनात शिक्षक बी.एल. आहके (भगन लाल आह्के) समय पर विद्यालय में मौजूद ही नहीं थे। यह पहली बार नहीं है, ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित शिक्षक प्रतिदिन विद्यालय देर से आते हैं और अकसर समय पर उपस्थित ही नहीं रहते।ग्रामीणों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि स्कूल समय पर नहीं खुलता और बच्चे घंटों तक बिना शिक्षक के बैठने को मजबूर रहते हैं। उनका कहना है कि बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है और शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। यही नहीं, गाँव के अभिभावकों ने चिंता जताई कि यदि इसी तरह लापरवाही जारी रही तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
ग्रामीणों का आक्रोश
निरीक्षण के दौरान कई ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि शिक्षक का समय पर न आना बच्चों के अधिकारों का हनन है। शिक्षा जैसे पवित्र कार्य में यदि जिम्मेदार शिक्षक ही लापरवाह हो जाएं तो बच्चों का मनोबल टूटता है। एक ग्रामीण ने कहा—”हमारे बच्चे भविष्य के निर्माण की नींव हैं, लेकिन जब उन्हें समय पर शिक्षा ही नहीं मिलेगी तो यह उनके साथ नाइंसाफी है।”
प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
ग्रामवासियों ने संयुक्त रूप से मांग की है कि संबंधित शिक्षक पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षक अपनी जिम्मेदारी से मुंह न मोड़े। ग्रामीणों ने जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने की तैयारी भी शुरू कर दी है।यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े करती है। सरकार भले ही शिक्षा को मज़बूत करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर यदि शिक्षक ही अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते तो सारी योजनाएं धराशायी हो जाती हैं। केकड़िया कला जैसे गाँवों में शिक्षा ही बच्चों के भविष्य की कुंजी है, ऐसे में शिक्षकों की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कारवाई नहीं तो लगा देंगे स्कूल पर ताला
ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो वे विद्यालय का ताला लगाकर धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। उनका कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ एक शिक्षक के खिलाफ नहीं बल्कि गाँव के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की लड़ाई है।
इनका कहना…
फीवर आ गया था और वेतन पत्रक जमा करने गया था।
बी एल आहके, शिक्षक