साहब ने कहा था अपने को चलना है…क्या छोटे कर्मचारियों को मोहरा बनाकर खुद पाकसाफ हो गए नायब तहसीलदार बरखानियाजी ?
✓साहब ने कहा था अपने को चलना है…
✓भीमपुर तहसील में ही लिखी जाती थी अवैध वसूली के लिए स्क्रिप्ट
✓क्या छोटे कर्मचारियों को मोहरा बनाकर खुद पाकसाफ हो गए नायब तहसीलदार बरखानियाजी?
✓भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और कलेक्टर से न्याय की उम्मीद
परिधि फॉलोअप न्यूज बैतूल
भीमपुर तहसील के अंतर्गत रातामाटी में डम्फर चालक से अवैध वसूली का मामला तूल पकडऩे लगा है। परिधि न्यूज में प्रमुखता से समाचार प्रसारित होने के बाद जिले भर में भीमपुर में चल रहे अवैध कारनामों की चर्चा है। तहसीलदार की गाड़ी से रातामाटी गए तीन कोटवार और वाहन चालक द्वारा 80 हजार की अवैध वसूली और 20 हजार रुपए फोनपे पर लिए जाने का मामला सामने आने के बाद अब पूरी कहानी का नया ट्वीस्ट सामने आ गया है। जिस उमेश बामने के नंबर पर फोन पे किया गया था उन्होंने सामने आकर कहा है कि जो भी अवैध वसूली की गई उसके पीछे स्वयं तहसीलदार बरखानिया थे। कर्मचारियों को बस साथ में चलने के लिए मौखिक आदेश दिए गए थे। एक वीडियो के माध्यम से कोटवार उमेश बामने एवं तहसील कार्यालय में पदस्थ भृत्य ने पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार उजागर किया। जानकारी के अनुसार अवैध वसूली का मामला उजागर होते ही तहसीलदार ने शुक्रवार को ही कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के सामने हाजरी लगा दी कि-साहब गाड़ी में मैं नहीं था। जब यह जानकारी कोटवारों को मिली तो उन्होंने भी खुलकर अपनी बात रखी। जानकारी के अनुसार कलेक्टर के दरबार में हाजरी लगाने के बाद तहसीलदार ने कोटवारों को नोटिस जारी कर दिए है।
तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू की भूमिका महत्वपूर्ण
अवैध वसूली के खेल में तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू मोहित खेड़ले का नाम भी सामने आया है। रतनपुर के ग्राम कोटवार उमेश बामने ने बताया कि तीन दिन कोटवारों को तहसील कार्यालय में आने के निर्देश दिए गए है। बुधवार को जब वह कार्यालय में थे तब तहसील के बाबू मोहित खेड़ले और तहसीलदार द्वारा उन्हें शाम को साथ में चलने के लिए निर्देशित किया गया था।उमेश ने वीडियो के माध्यम से बुधवार का पूरा घटनाक्रम परिधि न्यूज से साझा किया है।जो आगे लिंक पर उपलब्ध है।
कोटवार को कारण बताओ नोटिस जारी
शुक्रवार रात को तहसीलदार बरखानिया द्वारा कोटवार उमेश को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।जिसमें उल्लेख है कि उनके द्वारा 20 हजार रुपए फोन पे पर लिए गए।जिसकी शिकायत डंफर के मालिक सुरेंद्र यादव ने की है।कोटवार के फोन पर कराया गया ट्रांजेक्शन वरिष्ठ अधिकारी के तहसीलदार को किए गए फोन के बाद वापस कराया गया और यह राशि उमेश के अकाउंट में डालने के लिए जिस नंबर से बात की गई यह स्पष्ट और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।हमेशा बड़े अधिकारी छोटे कर्मचारियों को मोहरा बनाकर अपना काम निकालते है और इन्हीं छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बना देते है।जानकारी के अनुसार तहसील में पदस्थ चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के लिए भी प्रतिवेदन तहसीलदार द्वारा बनाया गया है।इस पूरे मामले में तहसील से अवैध वसूली के लिए गई पूरी टीम के मोबाइल नंबरों की जांच, लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली जाएगी तो स्थिति आइने की तरह साफ हो जाएगी।कोटवार उमेश के पक्ष में कोटवार संघ भी कलेक्टर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर न्यायोचित कारवाई की मांग करेगा।इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम अजीत मरावी और तहसीलदार श्री बरखानिया ने मीडिया से बात करने में दूरी बना ली है।