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बीस दिन में बदल दिए जाएंगे नेताजी और कस्तूरबा छात्रावासों के वार्डन: डीपीसी भूपेन्द्र

✓बीस दिन में बदल दिए जाएंगे नेताजी और कस्तूरबा छात्रावासों के वार्डन: डीपीसी भूपेन्द्र 
✓अधीक्षक बदलने से पहले बदल गए डीपीसी भनारिया
✓मालती-काशी ने छात्रावास वार्डन के पद पर नियुक्ति आदेश जारी करने दिया आवेदन
✓राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश फिर हवा में, नियुक्ति समिति की नहीं हुई बैठक
✓30 जून तक की जानी थी नई पदस्थापना, पुराने अधीक्षक न बदलना पड़े इसलिए विभाग में पक रही खिचड़ी
परिधि न्यूज बैतूल

जिला शिक्षा केन्द्र के अंतर्गत आने वाले दर्जनों छात्रावासों में अधीक्षकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी उन्हें बदला नहीं जा रहा है। इस संबंध में परिधि न्यूज ने पूर्व में भी राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश के हवाले से समाचार प्रकाशित किए थे। तत्कालीन डीपीसी जितेन्द्र कुमार भनारिया, स्पष्ट किया था कि बस अधीक्षकों को बदलना ही है इसके लिए नियुक्ति समिति का अनुमोदन बाकी है, नियुक्ति समिति का अनुमोदन हो पाता इससे पहले ही बैतूल से डीपीसी भनारिया की ही रवानगी हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत माह जब भोपाल में राज्य शिक्षा केन्द्र में जिले के अधिकारियों की बैठक में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले अधीक्षक न बदलने पर जवाब मांगा गया तो जिले के जिम्मेदार अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि अधीक्षक के लिए उन्हें कोई आवेदन ही नहीं मिले है। इस सफेद झूठ से कुछ राहत मिल सकती है या नहीं यह तो कहना संभव नहीं है, लेकिन अंदरखाने की माने तो जिला शिक्षा केन्द्र के कुछ नुमाइंदे अभी भी खिचड़ी पकाने में लगे है कि पुराने वार्डन न बदले। हालांकि एक महीने पहले जिला शिक्षा केन्द्र की बागडोर अपने हाथ में लेने वाले डीपीसी भूपेन्द्र वरकड़े का कहना है कि उन्हें एक महीना ही हुआ है ज्वाईन किए। इस पूरे मसले को वे 20 दिनों में वाइंड अप कर लेंगे। इसके लिए नियुक्ति समिति की बैठक एवं वरिष्ठ अधिकारियों से भी उन्होंने चर्चा की है। अब देखना यह है कि डीपीसी वरकड़े क्या 20 दिनों में जिले के उन छात्रावासों के अधीक्षक बदल देंगे जिनका 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है।
राज्य शिक्षा केन्द्र ने 30 जून तक पुराने वार्डन हटाने के दिए थे आदेश
राज्य शिक्षा केन्द्र के 9 मई 2025 के आदेश के मुताबिक जिले में संचालित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस बालक/बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों को बदला जाना है। आदेश के मुताबिक जिन छात्रावासों में अधीक्षकों का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है उन्हें हटाकर नई नियुक्ति की जाएगी इसके अलावा जिन छात्रावासों में सहायक वार्डन का कार्यकाल पांच वर्ष का हो गया है उन्हें भी हटाया जाना है। बैतूल जिले में छात्रावासों में अधीक्षक फलीभूत होते रहे है। आलम यह है कि जिले के कई छात्रावास ऐसे है जहां अधीक्षक 10 से 15 साल से अधिक समय से पदस्थ है, आखिर किसके संरक्षण में तीन साल के लिए नियुक्त अधीक्षक दस और 15 सालों से बच्चों का हक मार रहे है।
मालती और काशी ने डीपीसी को आवेदन देकर मांगी पदस्थापना
चिचोली विकासखंड के अंतर्गत प्राथमिश शाला परसदा की शिक्षिका मालती उईके और शाहपुर के प्राथमिक शाला बरेठा में पदस्थ काशी नागले डीपीसी से पत्र क्रं 873/13/8/24 के संदर्भ में 6 अगस्त 2025 को एक आवेदन के माध्यम से छात्रावास वार्डन के पद पर नियुक्त करने की मांग की है। उक्त पत्र क्रमांक के माध्यम से एक साल पहले नवीन अधीक्षकों की पदस्थापना के लिए आदेश जारी किया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया। मालती नागले ने पत्र में उल्लेख किया है कि 23 अगस्त 2024 को उनके द्वारा जनपद शिक्षा केन्द्र शाहपुर के माध्यम से वार्डन के पद के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद नेताजी सुभाषचन्द्र बोस बालिका छात्रावास शाहपुर के लिए उन्हें चयनित किया गया, लेकिन अब तक उन्हें नियुक्ति आदेश नहीं दिया है। इसी तरह मालती का कहना है कि उन्हें नेताजी सुभाषचन्द्र बोस बालिका छात्रावास खपरिया (चिचोली) के लिए चयनित कर पात्र मान्य किया गया लेकिन उन्हें भी आज दिनांक तक नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया।
राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश एक नजर में
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब राज्य शिक्षा केन्द्र ने तीन वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ अधीक्षकों को बदलने के लिए दिशा निर्देश जारी किए है। 9 मई 2025 को जारी आदेश में 11 अगस्त 2017, 3 मई 2018, 31 मार्च 2018, 17 दिसंबर 2019 और 11 जून 2021 के आदेश का भी संदर्भ है। गौरतलब है कि 11 जून 2021 को जारी पत्र जिसमें छात्रावासों में प्रभार परिवर्तन एवं सहायक वार्डन के रिक्त पदों पर पूर्ति विषयक कार्रवाई न होने पर विधानसभा में भी गूंज हुई थी। राज्य शिक्षा केन्द्र आदेश के परिपालन न होने से अब सख्त है और 30 जून तक छात्रावासों में वार्डन एवं समयावधि पूर्ण कर चुके सहायक वार्डन का प्रभार परिवर्तन तथा रिक्त पदो पर प्रभार देने की कार्रवाई पूर्ण कर राज्य शिक्षा केन्द्र को सूचित करने के निर्देश दिए है। अब देखना यह है कि जिले में 30 जून तक यह बदलाव होगें या फिर स्थिति ढाक के तीन पात ही रहेगी।
क्या इन छात्रावासों के बदल जाएंगे अधीक्षक ?
नाम उजागर न करने की शर्त पर विभागीय सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 11 नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बालिका छात्रावास है। इन छात्रावासों में एक दशक से अधिक समय से छात्रावास अंगद के पांव की तरह जमे हुए है। चिचोली विकासखंड के खपरिया में अधीक्षक शशिकला इरपाचे, कुनखेड़ी भीमपुर में किरण भलावी (10 वर्ष), सदर बैतूल श्रीमती फाटे (15 वर्ष), चिलकापुर भैंसदेही श्रीमती सेलकरी (15 वर्ष),शाहपुर श्रीमती अनवाने (15 वर्ष), चिल्लौर भीमपुर लता मरकाम (15 वर्ष),कस्तुरबा गांधी छात्रावास मांडवी आठनेर श्रीमती नरवरे (20 वर्ष), जम्बाड़ा आमला सरोज कासदे (15 वर्ष), गोधना चिचोली सुजाता उईके (10वर्ष), बाकुड़ आठनेर कुसुमलता यादव (10 वर्ष), रानीपुर छात्रावास श्रीमती यादव (10 वर्ष),बीजादेही चोपना (15 वर्ष), प्रभात पट्टन श्रीमती सलामे भी लंबे समय से छात्रावास में पदस्थ है। लगभग 10 से 15 वर्ष से अधिक समय से उक्त वार्डन छात्रावासों की बागडोर संभाले हुए है। कई बार कुछ छात्रावासों में अनियमितताएं भी उजागर हुई और अधीक्षकों का विरोध भी हुआ लेकिन कभी भी इनकी कुर्सी पर कोई आंच नहीं आई।

क्रमशः…..

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