दरकी दीवारें, झड़ता प्लास्टर, खतरे में मासूमों का जीवन यह है रोंढा की आंगनबाड़ी..जहाँ 10 बजे से 3 बजे तक रहते हैं नौनिहाल
दरकी दीवारें, झड़ता प्लास्टर, खतरे में मासूमों का जीवन
यह है रोंढा की आंगनबाड़ी..जहाँ 10 बजे से 3 बजे तक रहते हैं नौनिहाल
BETUL NEWS/बैतूल। जिले में हाल ही में सैकड़ो आंगनबाड़ी केंद्रों का जीर्णोद्धार किया गया। रंग रोगन और खूबसूरत चित्रकारी से उन्हें बच्चो के लिये आकर्षक बनाया गया। पर यह क्या जिले में खास तौर पर जनंसख्या नियंत्रण के लिये आदर्श कहलाने वाले ग्राम रोंढा के आंगनबाड़ी केंद्र की दीवारें दरकी हुई है। छत से प्लास्टर झड़ रहा है जो किसी के लिये भी जानलेवा साबित हो सकता है।खंडहर जैसे केंद्र में आंगनबाड़ी का संचालन सुबह 9 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक किया जाता है। इसी जर्जर भवन में बच्चे खेल-खेल में पढ़ते हैं और मध्यान्ह भोजन भी करते हैं। इस आंगनबाड़ी पर अब तक जिम्मेदार अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी, इसके हाल बयां कर रहे है कि जिम्मेदारों को किसी हादसे का इंतजार है।