खोमई आदिवासी छात्रावास में मारपीट, भोजन में अनियमितता का आरोप कलेक्टर से शिकायत
✓खोमई आदिवासी छात्रावास में मारपीट, भोजन में अनियमितता का आरोप कलेक्टर से शिकायत
परिधि न्यूज बैतूल
भैसदेही विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास खोमई में अधीक्षक के खिलाफ छात्रों और पालकों का गुस्सा फूट पड़ा। पालकों का कहना है कि छात्रावास में लगातार दुर्व्यवहार, भोजन में अनियमितता और धमकाने की घटनाएँ हो रही हैं, जिससे बच्चों में भय का वातावरण बन गया है।
इस मामले में पालकों द्वारा जयस नेता सोनू पांसे के नेतृत्व में सौंपा गया है। कलेक्टर बैतूल को प्रेषित ज्ञापन में बताया गया कि अधीक्षक दिन-प्रतिदिन छात्रों को धमकाते हैं और पालकों से गलत भाषा में बात करते हैं। भोजन मेनू के अनुसार बच्चों को खाना नहीं दिया जाता, दिन में केवल एक समय आलू की सब्जी और दूसरे समय दाल ही दी जाती है। नाश्ते में परोसे जाने वाले पोहे में पीसी हुई लाल मिर्च का उपयोग किया जाता है, जिससे बच्चे परेशान हैं। पालकों का आरोप है कि यह स्थिति लगभग दो महीने से लगातार बनी हुई है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि अधीक्षक सप्ताह में केवल दो दिन ही छात्रावास में उपस्थित रहते हैं और बाकी समय अपने निवास स्थान गुदगांव में रहते हैं। गंभीर आरोप लगाते हुए पालकों ने बताया कि 27 अगस्त की रात लगभग 8:30 से 11:30 बजे के बीच छात्रावास के नाइट चौकीदार के सामने चेतन गायकवाड के साथ चप्पल से मारपीट की गई।
पालकों ने कहा कि जब वे इन समस्याओं के समाधान की बात करते हैं तो अधीक्षक का जवाब होता है तुमसे जो बनता है वह कर लो। इससे बच्चों का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है और वे भयभीत हैं। पालकों ने कलेक्टर से मांग की है कि अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें पद से हटाया जाए, अन्यथा पालक अपने बच्चों को छात्रावास नहीं भेजेंगे। ज्ञापन देने वालों में दशरथ चौहान, सुषमा कंगाले, हीरालाल उइके, मुंगाजी, रामराव उइके, सुभाष सेलुकर और विरेन्द्र वाड़िवा शामिल हैं। ज्ञापन की प्रतिलिपि सहायक आयुक्त बैतूल, विकासखण्ड अधिकारी भैसदेही, क्षेत्रीय विधायक भैसदेही और विकासखण्ड शिक्षा समिति अध्यक्ष भैसदेही को भी सौंपी गई है।