बारिश में ढह गई प्रायमरी स्कूली की सीढिय़ां, चट्टान पर बने भवन की नींव भी जर्जर
जोखिम के बीच पढ़ रहे 24 नौनिहाल, कक्षा एक से तीन तक लगती है कक्षाएं
✓बारिश में ढह गई प्रायमरी स्कूली की सीढिय़ां, चट्टान पर बने भवन की नींव भी जर्जर
✓जोखिम के बीच पढ़ रहे 24 नौनिहाल, कक्षा एक से तीन तक लगती है कक्षाएं
परिधि न्यूज बैतूल
शहडोल के बोडरी ग्राम में बीते माह शासकीय प्राथमिक शाला की छत गिर गई, कक्षा एक से पांचवी तक 33 बच्चों ने भागकर जान बचाई नहीं तो बच्चों को बड़ी क्षति पहुंच सकती थी, इसके पहले राजस्थान के झालावाड़ के पिपलौद ग्राम के सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और दर्जनों बच्चों के घायल होने का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था। यह सब बाते करीब एक महीने बाद बैतूल से कहने के पीछे सिर्फ प्रशासन और जिम्मेदारों को आगाह करना है, बैतूल जिले के भीमपुर विकासखंड में भी दो दिन पहले कुछ ऐसा ही हुआ जब एक प्राथमिक शाला की तीन सीढिय़ा भरभराकर ढेर हो गई। तेज बारिश के दौरान बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए शाला के कक्ष में एक साथ बैठा लिया था। पर जब स्कूल की सीढिय़ों का हाल देखा तो सभी की सांसे थमी रह गई, सभी के मन में एक ही डर था कि यदि पहाड़ी पर, चट्टान पर बना स्कूल धसक जाता, दीवारों में क्रैक आ जाती या छत गिर जाती तो उनका क्या होता। जिस तरह का मटेरियल सीढिय़ां धसकने से बाहर आया निर्माण की पोल खुल गई। सीढिय़ां धसकने के बाद से यहां स्टाफ और बच्चे डरे हुए है। यह मामला है भीमपुर विकासखंड के सेटेलाईट स्कूल तोगाढाना का। जहां कक्षा एक से तीन तक कक्षाएं संचालित है और 24 बच्चे अध्ययनरत है।
स्कूल की उधड़ी नींव खोल रही भ्रष्टाचार की पोल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तोगाढाना सेटेलाईट स्कूल भवन का निर्माण वर्ष 2008 में किया गया था। निर्माण तत्कालीन सरपंच एवं इंजीनियर ऋषभ की मॉनीटरिंग में किया गया था। चट्टान पर स्कूल का निर्माण किया गया है जिसकी नींव मजबूत नहीं है। सीढिय़ों को जिस तरह से जोड़ा गया वह भी तकनीकि रुप से गलत था इसलिए सीढिय़ां धसक गई। इसके अलावा निर्माण में मटेरियल भी गुणवत्तापूर्ण नहीं है। स्कूल भवन के नाम पर एक कक्ष और एक किचन का निर्माण वर्ष 2008 में हुआ था। यहां तीसरी तक कक्षाएं संचालित होती है वर्तमान में 24 बच्चे दर्ज है। स्कूल भवन के चारो तरफ नींव को देखने से ही स्पष्ट है कि यह मजबूती से नहीं बना है। पहाड़ी के उपर चट्टान में नींव की पकड़ नहीं होने से कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इसके अलावा प्रत्यक्षदर्शियों ने शाला भवन की सीढिय़ों जिस तरह का मटेरियल उपयोग किया है उससे आशंका जाहिर की है कि भवन निर्माण में भी लापरवाही बरती गई है।
बिल्डिंग में क्रेक आने की आंशका भी
तोगाढाना स्कूल के संबंध में जब परिधि न्यूज ने कुछ जानकारों से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि बिल्डिंग ग्राउंड लेवल से काफी ऊंचाई पर भी है, इसमें के्रक आने की आशंका है, क्योंकि जब ग्राउंड से 30 सेमी ऊपर प्लीन्थ जाता है तो कांक्रीट दीवार बनाया जाता है। तोगाढ़ाना में जिस तरह से जुड़ाई की गई है उससे बाद में परेशानी हो सकती है। सीढ़ी बनाते समय इसके स्ट्रेक्चर को सही तरीके से नहीं जोडऩे के कारण वह टूट गई। जानकारों के मुताबिक सीढ़ी सही तरीके से नहीं बनाई गई और मटेरियल भी गुणवत्ताहीन है।
इनका कहना…
मेरे संज्ञान में अब तक यह मामला नहीं है, मैं दिखवा लेता हूं।
भूपेन्द्र वरकड़े, डीपीसी, जिला शिक्षा केन्द्र बैतूल