मैदान में तेज गति से दौड़ने वाले की जीवन की गति पर मैदान में ही विराम लग गया
शब्द श्रद्धांजलि
मैदान में तेज गति से दौड़ने वाले की जीवन की गति पर मैदान में ही विराम लग गया
हेमंत चंद्र दुबे बबलू

शुभम यादव हॉकी का वह खिलाड़ी जिसके पास गेंद आते ही पलक झपकते मैदान में वह हवा से बात करने लगता , बला की पैरों में गति आज उसी मैदान पर जिस मैदान पर उसके पैर गति से हवा में बात करते थे , आज वही कदम उसी मैदान पर ठिठक कर रहे गए। मैदान पर गति पकड़ने वाले । शुभम के जीवन की सांसे थम गई। आज यह दुर्भाग्य ही है एक खिलाड़ी की मौत उसी खेल मैदान पर हो गई जिस मैदान पर वह चीते की फुर्ती से भागता था। जो हाकी स्टिक उसकी पहचान थी वहीं हाकी स्टिक मैदान की पहचान के साथ उसने हम सभी को अलविदा कह दिया ।शुभम् के साथ मेरे जीवन के सुख दुःख के कई पल बीते । हाकी संघ के सचिव जगेंद्र सिंह तोमर ने शुभम् की प्रतिभा को पहचाना और मध्यप्रदेश हाकी में चयनित करवाकर सैफई राष्ट्रीय हाकी प्रतियोगिता में भाग दिलवाया शुभम् ने मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया। आज उनकी आंखों के सामने जब राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी की सांसे थमी तो वे भी अपने आंखों के आंसू रोक न सके भावुक होकर कहते है _बबलू मैदान का स्नेह दुनिया में अलग ही है, आज एक एक खिलाड़ी की आंखों में आंसू है कि उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी को मैदान में अपनी आंखों के सामने से ओझल होते देखा, जैसे आसमान में कोई बिजली चमकती है और पल भर में गायब हो जाती हैं। मैदान के प्रशिक्षक तपेश साहू और अजय मिश्रा तो मानो जम से गए हो लगातार आँखें भरभर आ रही थी। खेल अधिकारी पूजा कुरील जिसने शुभम् को हाकी पकड़ना सिखाया था , आज एक अधिकारी के रूप में उसी पूजा के सामने शुभम् की सांसे थम गई, राजा वनखेडे को आवाज देता वह शुभम् सर मोटर चलाओ टर्फ पर पानी डालना है वह आवाज हमेशा हमेशा के लिए बंद हो गई। साथी खिलाड़ियों को वह आवाज शुभम् गेंद सेंटर कर , अब नहीं सुनाई देगी, लेकिन शुभम् की यादें ,खेल की उसकी गति , रफ्तार हमेशा हमेशा मेजर ध्यानचंद हाकी स्टेडियम में उसकी खुशबू को बनाए रखेगी।बैतूल के सभी वरिष्ठ खिलाड़ियों की ओर से हाकी परिवार की ओर से शुभम् के भागते उन कदमों में श्रद्धा सुमन अर्पित है जो अब थम गए है।
ॐ शांति🙏🏼