आपातकाल की 50 वीं बरसी पर हुआ लोकतंत्र सैनानीयों का सम्मान
मीसाबंदी ही लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी - राजेश तिवारी
✓मीसाबंदी ही लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी – राजेश तिवारी
✓आपातकाल की 50 वीं बरसी पर हुआ लोकतंत्र सैनानीयों का सम्मान
✓मीसाबंदी मोतीलाल कुशवाह ने सुनाए इमरजेंसी के संस्मरण
परिधि न्यूज बैतूल
25 जून 1975 की आधी रात को देश पर थोपे गए आपातकाल के आज 50 वर्ष पूरे हो गए है। आज की पीढि को यह समझने की जरूरत है कि जो आज संविधान बचाने की बात कह रहे है। उनके नेताओ ने ही 50 साल पहले संविधान की हत्या की थी। सत्ता के लालच में लोकतंत्र का गला घाट दिया था। उस समय जेलो की यातनाएंे सहकर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले मीसाबंदी ही लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी है। उक्त विचार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश तिवारी ने जिला मुख्यालय के केसर बाग में आयोजित लोकतंत्र सैनानी सम्मान समारोह में प्रगट करते हुए कहा कि आज हम जिन लोकतंत्र सैनानीयों का सम्मान कर रहे है यह हमारा सौभाग्य है। इनके संघर्ष से ही लोकतंत्र मजबूत हुआ है उस दौर में जब सामाजिक ,सांस्कृतिक और राजनैतिक संगठनो पर पाबंदी लगा दी गई थी। लोगो को जबरन जेल में ठूंसा जा रहा था। तब भी अपने विचारों के लिए राष्ट्र के लिए किया गया आपका संघर्ष हमारा मार्ग प्रशस्त करता है। संविधान की शपथ लेकर प्रधानमंत्री बनी इंदिरा गांधी ने न्याय पालिका को बंधक बनाकर सत्ता के आगें घुटने टेकने को विवश कर दिया था। 21 महिने के आपातकाल में नागरिको पर अत्याचार के अनूभव भी हमारे बीच मौजूद है। समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र सैनानी मोतीलाल कुशवाह ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि सत्ता के नशे में चुर इंदिरा गांधी ने न केवल संवैधानिक ढांचे को कुचला बल्कि नागरिको के मौलिक अधिकारों को भी भंग कर दिया। जिसने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया उसे जेल में डाल दिया गया। जेल में भोजन और बिस्तर के लिए भी लोकतंत्र सैनानीयों को प्रताडनाएं दी जाती थी। आपातकाल किसी राष्ट्रीय संकट का परिणाम नही था, यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की जिंद थी। समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र सैनानीयों के परिजनों ने भी अपने अनुभव सांझा किए।
इस कडी में लोकतंत्र सैनानी स्व.गोवर्धनदास खंडेलवाल के पुत्र राजीव खंडेलवाल ने कहा कि तत्कालिन सरकार के अत्याचारों का असर जेल में बंद सैनानीयों के परिवारों पर भी पडा तमाम तरह के दबाव बनाकर हम लोगों से सरकार का समर्थन करने की बात कही जाती थी। वहीं स्व.रामस्वरूप कपूर के पुत्र जितेन्द्र कपूर ने कहा कि आपातकाल का दौर लोकतंत्र सैनानीयों के लिए क्रुर काल रहा है। विपक्षी नेताओ ,सामाजिक कार्यकर्ताओ व छात्रो को जेल में बंद कर अमानवीय यातनाएंे दी गई। बंदीयों को बीमार होने के दौरान दवाएं तक भी नही दी जाती थी। लोकतंत्र सैनानी सम्मान समारोह के स्वागत भाषण में भाजपा जिलाध्यक्ष सुधाकर पंवार ने कहा कि आपातकाल इतिहास की राजनैतिक घटना मात्र नही है बल्कि उस दुषित मानसिकता का प्रमाण है जो संविधान और लोेेकतंत्र को केवल अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए इस्तेमाल करती है। लोकतंत्र के साथ विश्वासघात करने के बाद भी कांग्रेस ने कभी माफी नही मांगी। न ही कभी पश्चाताप प्रगट किया जो कांग्रेस के चरित्र को दर्शाता है।
लोकतंत्र सैनानी सम्मान समारोह में लोकतंत्र सैनानी रामचरित्र मिश्रा, महेन्द्रनाथ भार्गव एवं सैनानीयों के परिजनो में पार्वती मानकर, रतन गुगनानी, मनीष खंडेलवाल, मनोरमा पंडाग्रे, स्वाती दिपक सलूजा, दिनेश साहू, मनप्रीतसिंह अहलूवालिया, महेश पटेल, रमेश पटेल, दीपक कपूर, पदमा मिरासे, संदीप भार्गव, मिलिंद आंबेकर,टिकाराम मांडले, कमलेश सोलंकी, कैलाश शिवहरे, अशोक परिहार, यवनीद्र जैन, योगेश झारिया,सचिन जैसवाल, हेमराज महाले और रघुनाथ उइके प्रमुख है। सम्मान समारोह का मंच संचालन जिला मंत्री अतीत पंवार ने किया एवं अंत में आभार जिलाउपाध्यक्ष रश्मि साहू ने व्यक्त किया। इस अवसर पर जनअभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन नागर, जिला संगठन प्रभारी सुजीत जैन, विधायक डा. योगेश पंडाग्रे सहित पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता मौजूद रहे।