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गाजरघास की पहरेदारी…!!

  गाजरघास की पहरेदारी

परिधि चटकारा

गाजरघास ओरिजनल

छुरी और फोफस नदी के बीच एक किसान के निजी और बटाई वाले करीब चार खेतों की विजिट करने प्रोटोकाल के हिसाब से एक दल मंगलवार को पहुंचा तो था।गॉसिप है कि विजिट के दौरान दल ने ईमानदारी से मूंग की फसल के बीच-बीच उग आई गाजरघास के करीब 80 पौधे चार खेतों से उचकाएं भी ताकि किसान की दलहनी फसल को कोई नुकसान न पहुंचे। मजेदार बात तो यह रही कि करीब दो दर्जन अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीणों का यह दल एक मुखबिर की सूचना पर किसान के खेत में पहुंचा था।  चटकारा तो यह भी लगाया जा रहा है कि चार खेतों में घूमते-घूमते दल को देनवा नदी के किनारे वाला करीब पौन एकड़ रकबा भी नजर आया जिसमें नदी के पानी से ही जिले में प्रसिद्ध सिंचित खरपतवार गाजरघास लहलहाती नजर आई। इसकी पूरी रात रखवाली भी कराई गर्ई थी, लेकिन गाजरघास की रखवाली कौन करता है,यह फटकार जब एक के बाद एक दो फोन से जांच दल के अधिकारी को मिली तो गाजरघास के 80 पौधे भी ठिकाने लगाकर पूरा मामला रफा-दफा कर दिया गया। छुरी, बिसलदेही, मरकाढाना क्षेत्र में रात देनवा नदी से सटे खेत तक ट्रेक्टर भी दौड़ते रहे। पौन एकड़ में लगी इस गाजरघास की कीमत करीब 7 लाख हो सकती है।अब फसल 7 लाख की या सेटलमेंट 7 लाख का यह तो….जो भी हो बैतूल में गाजर घास की खेती सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है।

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