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2 डीएसपी, 7 थाना प्रभारी, 50 से अधिक पुलिसकर्मी रात भर घरों, खेतों, पगडंडियों और सड़कों पर ढूंढते रहे दो साल की बच्ची

✅जब विदिशा पुलिस ने अंधेरे में खोई 2 साल की मासूम बच्ची को वापस उसकी मां की गोद में पहुँचाया”

✅नाबालिग बालिका के गुम होने की सूचना पर तत्परता से कार्यवाही कर विदिशा पुलिस ने मासूम को 3-4 घंटे के अंतराल में किया दस्तयाब

परिधि न्यूज विदिशा

वो रात हमेशा याद रखी जाएगी, जब एक माँ की ममता कराह रही थी, पिता की आंखें मासूम को ढूंढ रही थीं और अंधेरे में एक दो साल की बच्ची गुम हो गई थी, लेकिन विदिशा पुलिस ने जिस तरह संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए बच्ची को सुरक्षित खोज निकाला  वो केवल एक तलाश नहीं थी, बल्कि इंसानियत की मिसाल थी।

➡️घटना का संक्षिप्त विवरण
दिनांक 19.05.2025 को रात्रि करीब 02:20 बजे डायल 100 एवं चाइल्ड लाइन भोपाल के माध्यम से निरीक्षक योगेन्द्र सिंह परमार को सूचना प्राप्त हुई कि फरियादी की लगभग दो वर्षीया बालिका कहीं चली गई है एवं लापता है। सूचना प्राप्त होते ही थाना प्रभारी निरीक्षक योगेन्द्र सिंह परमार पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे। फरियादी से चर्चा कर बालिका के गुम होने की देहाती नालसी ली गई और घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक महोदय को दी गई।

पुलिस अधीक्षक  रोहित काशवानी द्वारा त्वरित निर्देश जारी करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभिन्न थानों की टीमों को मौके पर पहुँचने के लिए निर्देशित किया गया।रात करीब 11 बजे, जब परिवार के सभी लोग सो चुके थे, तब फरियादी की बड़ी बेटी की नींद खुली तो उसने देखा कि उसकी बहन पास में नहीं है। घबराकर उसने तुरंत माता-पिता को जगाया। आसपास ढूंढने पर भी बच्ची नहीं मिली।

➡️त्वरित, संवेदनशील और सशक्त कार्यवाही:
रात 2:00 बजे पुलिस को सूचना दी गई और 3:00 बजे ही थाना प्रभारी बासौदा शहर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। स्वयं पुलिस अधीक्षक श्री रोहित काशवानी जी मौके पर पहुंचे, गांव वासियों से संवाद किया और दिशा-निर्देश दिए। इस अभियान में 2 डीएसपी, 7 थाना प्रभारी, और 50 से अधिक पुलिसकर्मी रात भर घरों, खेतों, पगडंडियों और सड़कों पर ढूंढते रहे।।

➡️नई सुबह, नई उम्मीद : मासूम मिली सुरक्षित:

मासूम बच्ची सुबह लगभग 6:00 बजे सड़क किनारे सोती हुई मिली। पुलिस ने तुरंत परिजनों से उसकी पहचान कराई। थाना बासौदा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सौभाग्यवश बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।

यह अभियान सिर्फ कर्तव्य नहीं, एक भावनात्मक युद्ध था


इस पूरी रात में, जब गांव सो रहा था, विदिशा पुलिस की टीम जाग रही थी – एक माँ की गोद फिर से भर जाए, इस संकल्प के साथ। यदि यह कार्रवाई समय पर न होती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।

यह  अधिकारी/कर्मचारी मौके  पर
?मनोज मिश्रा, SDO(P), गंजबासौदा
?उप पुलिस अधीक्षक महिला सेल, श्रीमती ज्योति शर्मा
?थाना प्रभारी गंजबासौदा शहर – निरीक्षक योगेंद्र सिंह परमार
?थाना प्रभारी देहात बासौदा, निरी. आशुतोष सिंह
?थाना प्रभारी गुलाबगंज, निरीक्षक मोहर सिंह
?थाना प्रभारी त्योंदा, निरी. बी.एस. गौर
?थाना प्रभारी पठारी, उनि. गौरव बाजपेयी
?थाना प्रभारी पथरिया, उनि. रितुराज सिंह
?थाना प्रभारी हैदरगढ़, उनि. पूजा रावत
?थाना प्रभारी सिविल लाइन, निरीक्षक विमलेश राय
?सूबेदार आशीष राय समेत सहयोगी स्टाफ भी उपस्थित रहा।

पुलिस अधीक्षक  रोहित काशवानी ने कहा–
“पूरी टीम ने बहुत ही शानदार कार्य किया है। रात्रि में आप सभी ने 2 वर्षीय बालिका को केवल 3-4 घंटे के अंतराल में दस्तयाब किया। यदि समय पर टीम द्वारा प्रयास नहीं किया गया होता, तो बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई।”

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