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बैतूल में KBC से नहीं DSC से बनते है करोड़पति…!

KBC खेले बिना बालाघाट का राजेन्द्र, सिपलई-मालीपुरा के सुमित-सुकेश बन गए करोड़पति

✓KBC खेले बिना बालाघाट का राजेन्द्र, सिपलई-मालीपुरा के सुमित-सुकेश बन गए करोड़पति
✓बैतूल में KBC से नहीं DSC से बनते है करोड़पति…!
✓2021 से SBM पर आजमा रहे थे भाग्य, अब BIG- B नरेन्द्र करवा रहे पाई-पाई का हिसाब

गौरी बालापुरे पदम/ परिधि पड़ताल बैतूल

जिले में स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक और बाद में चिचोली एवं भीमपुर के ब्लाक समन्वयक के प्रभार पर रहते हुए राजेन्द्र परिहार द्वारा दोनों ही जनपदों में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए के गबन को अपने ही कुछ साथियों के साथ अंजाम दे दिया। ब्लाक समन्वयक ने दोनों जनपदों के कम्प्यूटर ऑपरेटर की मदद से इतना बड़ा गबन किया और बिना केबीसी खेले ही तीनों करोड़पति बन गए। समय रहते यह घोटाला जनपद पंचायत भीमपुर के वर्तमान सीईओ अभिषेक वर्मा की सतर्कता से उजागर हो गया अन्यथा 31 मार्च 2025 के बाद यदि एसबीएम पोर्टल बंद हो जाता तो करोड़ों के घोटाले की किसी को भनक तक नहीं लगती। हालांकि लंबी अवधि तक सीईओ के रूप में पदस्थ श्री वर्मा को लेकर भी पूरे जिले में चर्चा है। ई-माध्यम से दो ऑपरेटर्स के टेलेंट और जनपद पंचायतों में पदस्थ रहे सीईओ की डिजीटल सिग्रेचर का अनाधिकृत रुप से उपयोग कर स्वच्छ भारत मिशन पोर्टल के माध्यम से ग्रे वॉटर, मैनेजमेंट सिस्टम, सोकपीट निर्माण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, नाडेप, लिच पीट के अलावा सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के नाम पर फर्जी वेंडर एवं स्वयं के खातों में भुगतान कर इस गबन को अंजाम दिया गया। जिले की आदिवासी बाहुल्य जनपदों में उजागर हुआ यह स्केम पूरे प्रदेश में सुर्खियों में है। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन ने 6 मार्च को इस घोटाले को उजागर करने से पहले दोनों जनपदों का औचक निरीक्षण कर पोर्टल की भी जांच की थी। ट्रेजरी अधिकारी अरुण वर्मा, वरिष्ठ लेखा अधिकारी इंदिरा मेहतो, जिला पेंशन अधिकारी की टीम ने कलेक्टर के निर्देश पर एसबीएम के तहत हुए भुगतान की जांच की। इसके अलावा स्टेट कमेटी भी इस घोटाले की जांच के लिए भीमपुर एवं चिचोली पहुंची। गबन के मास्टर माइंड जनपद चिचोली-भीमपुर के प्रभारी ब्लॉॅक समन्वयक राजेन्द्र परिहार बालाघाट, कम्प्यूटर ऑपरेटर सुकेश निवासी मालीपुरा एवं सुमीत निवासी सिपलई सहित करीब एक दर्जन लोगों पर मामला पंजीबद्ध किया जा चुका है। एसपी निश्चल एन झारिया द्वारा जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी भी बनाई गई है। शाहपुर एसडीओपी मयंक तिवारी एवं चार विवेचकों द्वारा सूक्षमता से घोटाले की जांच की जा रही है। प्रस्तुत है गबन एवं अब तक की जांच पर परिधि न्यूज की पड़ताल –

सभी प्रभारी सीईओ के विरुद्ध कार्रवाई के प्रस्ताव- कलेक्टर

कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के भ्रष्टाचार एवं प्रशासनिक लापरवाहियों को लेकर सख्त रवैये से सभी वाकिफ है। इस स्कैम को लेकर भले ही कलेक्टर गबन अवधि में पदस्थ रहे सीईओ की भूमिका को पूरी तरह संदिग्ध नहीं मान रहे है, लेकिन उनका मानना है कि प्रभारी सीईओ की जवाबदारी एवं जिम्मेदारी बनती है, साथ ही उनकी लापरवाही ही गबन का कारण बनी। कलेक्टर द्वारा इस पूरे मामले में कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए दिशा निर्देश एवं कार्रवाईयां प्रस्तावित की है।
> चिचोली-भीमपुर गबन अवधि में पदस्थ रहे प्रभारी सीईओ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया।
> स्केम में लिप्त महिला जनपद सदस्य को पद से पृथक करने हेतु धारा 89 के तहत नोटिस जारी किया गया।
> चिचोली-भीमपुर जनपद में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर की सेवा समाप्त कर दी गई है।
> जिला समन्वयक चूंकि अस्थायी पद था इसलिए नोटिस जारी किया गया है।
> स्केम में संलिप्त लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
> तहसीदारों को आरोपियों की सम्पत्ति की जांच करने के लिए भी निर्देशित किया गया है, ताकि जितनी राशि का स्केम हुआ है उसकी रिकवरी भी की जा सके।
यह होगा अगला स्टेप
कलेक्टर द्वारा जिले की सभी जनपदों में भी एसबीएम पोर्टल की जांच करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा सभी सीईओ को हिदायत भी दी गई कि जनपद पंचायतों में जिन भी पोर्टल से भुगतान किया जाता है सभी भुगतान उनकी निगरानी में ही किए जाएं।

एसआईटी हर बिंदु पर जांच कर रही है : पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधीक्षक निश्चल एन झारिया ने मुताबिक इस मामले में एक डीएसपी एवं चार विवेचक की एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है। जल्द ही स्केम में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारियां भी की जाएगी। प्रशासनिक रुप से सभी दस्तावेजों की जांच भी एसआईटी द्वारा सूक्ष्मता से की जा रही है। शाहपुर एसडीओपी मंयक तिवारी, चिचोली टीआई हरिओम सहित तीन अन्य विवेचक एसआईटी में शामिल किए गए है। जांच प्रक्रिया में वक्त लगेगा क्योंकि सभी दस्तावेजों की जांच की जानी है। कहां गड़बड़ी हुई और संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए हर बिंदु पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

पुलिस को जांच में पूरा सहयोग: जिपं. सीईओ


इस चर्चित मामले को लेकर अक्षत जैन, सीईओ, जिला पंचायत का कहना है कि 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 स्केम की जांच में प्रशासनिक तौर पर कोई एसआईटी नहीं बनाई गई है। पुलिस को एफआईआर करने के बाद एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी को पूरा प्रशासनिक सहयोग दिया जा रहा है। इस मामले में दोनों ऑपरेटर्स की सेवा समाप्त कर दी गई है। यदि जांच के दौरान अन्य मामलों में भी संलिप्तता या कम्प्यूटर ऑपरेटर या जिला समन्वयक द्वारा अपनी बनाई फर्जी फर्म में अन्य पोर्टल से भी भुगतान किया जाना पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। सभी ब्लॉक में एसबीएम से हुए भुगतान की सूक्ष्मता से जांच कराई जा रही है। यदि पुलिस एसआईटी में विभागीय सदस्य बढ़ाना चाहे तो हम पूरा सहयोग करेंगे। जांच के लिए जहां भी विभागीय मदद की आवश्यकता होगी पूरे समय विभागीय टीम तैयार रहेगी। स्टेट से भी कमेटी जांच कर रही है।

परिधि पड़ताल में जाने क्या कहते है जिम्मेदार…


परिधि द्वारा जनपद पंचायत भीमपुर एवं चिचोली में किए गए 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए के स्केम को लेकर गबन अवधि में पदस्थ रहे प्रभारी सीईओ से सीधे चर्चा की। चिचोली जनपद की पूर्व सीईओ अपूर्वा सक्सेना एवं रामगोपाल रजक ने कॉल अडेंट नहीं किया इसलिए उनका पक्ष सामने नहीं आ पाया।

पोर्टल में ओटीपी की सुविधा नहीं: अभिषेक
यह पूरा स्केम हमारे द्वारा ही सामने लाया गया है। यदि यह जानकारी पहले से होती तो पहले ही स्केम उजागर हो जाता। जिस पोर्टल से करोड़ों के भुगतान हुए है उसमे ओटीपी की सुविधा न होने की वजह से ब्लाक समन्वयक इसका फायदा उठाता रहा। कई अन्य पोर्टल से भी भुगतान होते है किंतु उनमें ओटीपी आती है। कार्यालय में जो स्टाफ है हमें उन पर भी भरोसा करके ही काम करना होता है।

आफिशियल जानकारी नहीं मिली : एश्वर्य वर्मा
मेरा डिएससी से फर्जी भुगतान हुआ है इसकी कोई जानकारी नहीं है। मैंने अपने कार्यकाल में राजेन्द्र के नाम से दो या तीन नोटिस भी निकाले है। यह अक्सर अनुपस्थित भी रहते थे और इसके द्वारा काम भी ठीक से नहीं किया जाता था, और भी कुछ परेशानियां थी। अभी मीडिया के माध्यम से ही गबन की जानकारी आई है, ऑफिशियल कोई जानकारी नहीं आई है। मेरे पास जब डिटेल आएगी तभी कुछ बता पाऊंगा।

एसबीएम में वेंडर्स को पेमेंट करते ही नहीं थे: कंचन
हमारे द्वारा जो भी पेमेंट किया जाता था वह सामने ही होता था। मेन कार्य शौचालयों का था और पंचायतों को पेमेंट करना होता था, वेंडर्स को तो पेमेंट करते ही नहीं थे। भीमपुर में अक्सर टेक्निकल समस्या भी रहती थी, कैसे फर्जी तरह से भुगतान किया गया यह जानकारी में नहीं है। फिलहाल हमसे जांच या प्रतिवेदन देने संबंधी कोई सम्पर्क नहीं किया गया है।

बहुत कम समय का था प्रभार: केसी परते
चिचोली जनपद में हुए गबन के सवाल पर श्री परते ने चौकते हुए पूछा…कब, मैं बहुत कम समय के लिए प्रभार में था, मेरे समय इस तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ। भुगतान हुआ लेकिन वह अलग कार्यों के लिए हुआ था। इस संबंध में जानकारी नहीं है। इतना कहकर श्री परते फोन कट कर दिया और दोबारा कई बार कॉल करने पर अटेंड नहीं किया।

इन पर की गई एफआईआर


इस फर्जीवाड़े में राजेन्द्र सिंह, सुमीत सोनी, सुकेश कहार सहित आशीष कंस्ट्रक्शन चिचोली, मैक ऑटो इंडिया नई दिल्ली, मकीना एसोसिएट इंदौर, शॉपिंग भंडार इंदौर, स्वच्छता ग्राही बीरबल रावत, शिवालु इवने, जामदू आहके, सोनू शिवांकर, जप सदस्य सपना इवने के विरुद्ध चिचोली थाने में धारा 420, 409 और 34 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इस पूरे खेल का मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह परिहार फरार है।

85 हजार की वरमाला के लिए डेढ़ घंटे देरी से हुई राजेन्द्र की शादी…!
साऊथ अफ्रीका से वारासिवनी पहुंची थी जयमाला…!!


वर्ष 2023 में बालाघाट जिले के वारासिवनी में हुए एक विवाह समारोह की चर्चा इन दिनों फिर बैतूल जिले के आदिवासी अंचल मेें सुर्खियों में है। शादी में बैंड-बाजा-बारात, सगे-संबंधी-वर-वधु सब समय पर पहुंच गए थे बावजूद इसके यह शादी डेढ़ घंटे की देरी से हुई। वर-वधु को वरमाला की रस्म के लिए डेढ़ घंटे का इंतजार करना पड़ा था वह इसलिए की वरमाला जिस फ्लाईट से आ रही थी वह फ्लाईट देढ़ घंटे की देरी से आई थी। यह शादी किसी और कि नहीं 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 लाख के गबन को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड राजेन्द्र की थी। शादी में वरमाला खासतौर से दक्षिण अफ्रीका से बुलवाई गई थी, जिसकी कीमत ही 85 हजार रुपए थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वारासिवनी में हुई इस शादी में जिले से भी कई सरपंच-सचिव एवं अन्य गणमान्य पहुंचे जो इस विवाह और विवाह में हुई देरी के साक्षी है। यही नहीं सभी ने पहली बार यह सुना था 40-41 हजार मानदेय वाले किसी समन्वयक ने 85 हजार की वरमाला विदेश से फ्लाईट से बुलवाई थी। संभवत: वरमाला के इंतजार में डेढ़ घंटे देरी से शादी का यह दुनिया का पहला अनोखा किस्सा होगा।

प्रिया से खुलेगा एक और फर्जीवाड़े का राज…!


जनपद पंचायत चिचोली-भीमपुर में सिर्फ एसबीएम पोर्टल पर ही घोटाला नहीं हुआ है। यहां पदस्थ ऑपरेटर सुकेश कहार और सुमित सोनी ने सरपंच सचिवों से भी अपने खातों में लाखों रुपए का चढ़ावा लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ऑपरेटर्स ने अपनी और रिश्तेदारों के नाम से बनाई गई फर्जी फर्म में सरंपच सचिवों से कम्प्यूटर वर्क एवं अन्य कार्यों के नाम पर भुगतान कराया है। फर्जी फर्म के बिल पंचायत दर्पण पोर्टल पर भी उपलब्ध है। यदि वरिष्ठ अधिकारी प्रिया साफ्टवेयर की जांच कराएंगे तो सुकेश की फर्जी फर्म ओम सांई इंटरनेट प्वाइंट एवं तथा सुमित सोनी की फर्जी फर्म महाकाल कम्प्यूटर एंड स्टेशनरी बैतूल, ओम सांई फोटोकॉपी एंड स्टेशनरी कॉमन सर्विस सेंटर की जांच प्रिया साफ्टवेयर ओपन कर की जाए तो यह पत्ते भी खुल जाएंगे कि किस तरह सुमित-सुकेश ने 54 पंचायतों के सरपंच-सचिवों की डिजीटल सिग्रेचर का उपयोग कर जनता के विकास के लाखों रुपए बिना ढकार लिए हजम कर लिए।

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