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साहित्यकार प्रणव भास्कर तिवारी शिववीर प्रीतम प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित

रचना के रंग, भावों की गहराई- साहित्य सृजन को मिली ऊँचाई

✓रचना के रंग, भावों की गहराई- साहित्य सृजन को मिली ऊँचाई

✓साहित्यकार प्रणव भास्कर तिवारी शिववीर प्रीतम प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित

परिधि न्यूज बाराबंकी

हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान हेतु बाराबंकी, उत्तर प्रदेश निवासी सुविख्यात साहित्यकार प्रणव भास्कर तिवारी शिववीर प्रीतम (संयोजक, राष्ट्रीय कवि संगम) को हाल ही में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित किया गया है। उनके साहित्यिक सृजन, अनुसंधानशील प्रवृत्ति तथा पत्रकारीय समर्पण के फलस्वरूप उन्हें यह विशिष्ट गौरव प्राप्त हुआ है। इन पुरस्कारों ने हिंदी साहित्य-जगत में उनकी विद्वत्ता को और अधिक प्रतिष्ठित किया है।साहित्यपीडिया द्वारा उन्हें सर्टिफिकेट ऑफ अचीवमेंट से सम्मानित किया गया, जो उनकी कविता-लेखन प्रतिभा का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उनकी कविताएँ गहन संवेदनाओं, सामाजिक यथार्थ एवं जीवन के विविध पक्षों को उभारने में सक्षम रही हैं। अनेक साहित्यिक मंचों एवं पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ प्रशंसित हुई हैं। इसी क्रम में, इंडियन लिटरेचर एंड आर्ट्स सोसाइटी, कर्नाटक द्वारा उन्हें इंडियन लिटरेचर अवार्ड से सुशोभित किया गया, जो उनकी निरंतर साहित्यिक साधना एवं मौलिक लेखन के प्रति समर्पण को प्रतिपादित करता है।
साहित्य, भाषा एवं सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में उनके अविस्मरणीय योगदान को दृष्टिगत रखते हुए वैदिक लोटस इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल स्टडीज, ठाणे, महाराष्ट्र ने उन्हें मास्टर ऑफ लेटर्स की मानद उपाधि प्रदान की। यह सम्मान भाषा-विज्ञान एवं साहित्य के गूढ़ अध्ययन, शोधपरक विवेचन तथा सांस्कृतिक चेतना के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। उनके विद्वतापूर्ण चिंतन ने साहित्य के विविध आयामों को विस्तृत दृष्टिकोण प्रदान किया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी निडरता, निष्पक्षता एवं तथ्यपरक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए इंडियन न्यूज मीडिया काउंसिल, उत्तर प्रदेश ने उन्हें वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स अवार्ड से अलंकृत किया। यह पुरस्कार उन्हें संवाददाता के रूप में उनकी सतत पत्रकारिता-सेवा हेतु प्रदान किया गया। सत्य एवं न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सदैव पत्रकारीय मूल्यों की रक्षा करती रही है। उनके आलेख एवं संवाद समाज की वास्तविकताओं को निर्भीकता से प्रस्तुत करने में सक्षम रहे हैं।
विशिष्ट रूप से, पैराडाइज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ( एससीटी,भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था) ने हिंदी साहित्य में उनके अद्वितीय शोध एवं विशेषज्ञता को मान्यता देते हुए उन्हें ऑनरेरी डॉक्टरेट अवार्ड की उपाधि प्रदान की। इस मानद डॉक्टरेट उपाधि ने उनके साहित्यिक ज्ञान, गहन अनुशीलन एवं भाषा-विज्ञान में उनके योगदान को उच्च प्रतिष्ठा प्रदान की है। यह उपाधि उनके साहित्यिक अनुसंधान एवं बौद्धिक विशिष्टता का प्रतीक है।
पुरस्कार ग्रहण करने के उपरांत प्रणव भास्कर तिवारी शिववीर प्रीतम ने कहा कि ये सम्मान उनके साहित्यिक एवं पत्रकारीय जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं और ये उनके कर्तव्य-निर्वहन को और अधिक सशक्त बनाते हैं। उन्होंने यह भी प्रतिज्ञा व्यक्त की कि वे भविष्य में भी साहित्य, पत्रकारिता एवं सामाजिक चेतना के प्रति अपनी निष्ठा को निरंतर प्रखर बनाए रखेंगे। हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि को व्यापक स्तर पर सराहा जा रहा है। उनके प्रशंसक, साहित्य-मर्मज्ञ एवं सहयोगी इस सम्मान पर हर्ष व्यक्त कर रहे हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की सफलता को दर्शाती है, अपितु हिंदी भाषा एवं साहित्य को नवीन ऊँचाइयों पर प्रतिष्ठित करने हेतु एक प्रेरणास्रोत भी है।

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