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जंगल सत्याग्रह फिल्म निर्माता, लेखक व निर्देशक प्रदीप को मिली पीएचडी की उपाधि

✓जंगल सत्याग्रह फिल्म निर्माता, लेखक व निर्देशक प्रदीप को मिली पीएचडी की उपाधि
✓राज्य पात्रता परीक्षा रसायन शास्त्र से की उत्तीर्ण, गुरुजनों को दिया सफलता का श्रेय
परिधि न्यूज बैतूल

जिले के “जंगल सत्याग्रह” फिल्म निर्माता, लेखक व निदेशक *प्रदीप उईके को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की ओर से पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है।* यह उपाधि शासकीय नर्मदा महाविद्यालय नर्मदापुरम रिसर्च सेंटर में डॉ.एस.के. उदयपुरे के मार्गदर्शन में रसायन शास्त्र “बैतूल जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मिट्टी के रासायनिक गुणों और पोषक तत्वों में परिवर्तन पर जैविक और अकार्बनिक उर्वरकों के प्रभाव पर अध्ययन” विषय पर शोध कार्य पूर्ण करने पर दी गई है। यह शोध जिले के किसानो के लिये वरदान साबित होंगा। इसके अलावा श्री उईके ने मध्यप्रदेश राज्य पात्रता परीक्षा (SET) रसायन शास्त्र से उत्तीर्ण की है। उन्होंने अपनी दोनों सफलता का श्रेय पिता श्री मधु उइके, माता श्रीमती गुनीता उइके और मार्गदर्शक डॉ. एस के उदयपुरे सहित अपने कोल्हिया प्राथमिक शिक्षक आठनेर सर, मोंग्या परते, हतनापुर माध्यमिक शिक्षक कमलेन्द्र वानखेड़े, मनोहर भिकोंडे, राजकुमार खापरे, ज्योति नागले, बी आर साबले, मुलताई नवीव हाईस्कूल शिक्षक नंदकिशोर इवने, हरफोड़े सर, नागौसे सर, रघुवंशी मैडम, धर्माधिकारी मैडम, शाहपुर हायरसेकेंडरी एकलव्य शिक्षक विजयन्तसिंह ठाकुर, योगेश तिवारी, मल्होत्रा मैडम, शैली जैन, नासिर खान, प्रधान सर, बैतूल स्नातक जे एच प्राध्यापक सतीश मासोदकर, गोपाल साहू, एकनाथ निरापुरे, महेंद्र सलाम, मेहता सर एवं मेहता मेम, वर्मा सर, बघेल सर,अल्का पांडे, पीजी इंदौर देविहिल्या वि वि प्राध्यापक अशोक शर्मा, पांडे सर,प्रसाद सर,बजाज सर, चौहान सर, खरे मैडम, शर्मा मैडम,जोशी मैडम, सभी गुरुजनों को दिया है।

प्रदीप को जाने


मुलताई तहसील के कोल्हिया-मालेगांव निवासी फिल्म के लेखक, निर्माता व निर्देशक प्रदीप उइके ने अपने अनुयायियों और शुभचिंतकों के साथ “जंगल सत्याग्रह” के माध्यम से क्रांतिकारियों के बलिदान और उनके शौर्य की वीर गाथा को बताया। उन्होंने बताया कि बैतूल के जंगलों में साल 1930 के दौरान हुए जंगल सत्याग्रह की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म में इस सत्याग्रह के मुख्य किरदार सरदार गंजन सिंह कोरकू, सरदार विष्णु सिंह गोंड समेत बैतूल के अन्य आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमिका को चित्रित किया गया है। उन्होंने बताया फिल्म बनाने की शुरुआत 2021 में की, थी जो बनकर तैयार है। यह फिल्म 2 घंटे 8 मिनट की है, जिसका प्रीमियर शो बैतूल कांति शिवा, मंगल भवन सहित भोपाल के विधानसभा भवन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा दिखाया गया है। अब विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 9 अगस्त को फिल्म ओटीटी या थिएटर में रिलीज की जाएगी। इन तीनों उपलब्धियों पर डॉ.प्रीति उदयपुरे,प्रो.रेणुका ठाकुर,प्रो.प्रियंका राय, डॉ. मनोज घोरसे, डॉ.पंचम कवडे, डॉ. सुनील काकोड़िया, डॉ. कमलेश जागरे, राजेश कुमार धुर्वे, किशोरीलाल धुर्वे, डॉ. राजा धुर्वे परिवारजन सहित जिले भर से आदिवासी संगठनों और सैकड़ो शुभचिंतको द्वारा बधाई दी गई।

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