महिला दिवस पर होगा दिव्य गर्भ संस्कार समारोह
आरके मेमोरियल हास्पीटल, ब्रम्हकुमारी एवं वूमन विंग आरईआएफ की पहल
✓महिला दिवस पर होगा दिव्य गर्भ संस्कार समारोह
✓आरके मेमोरियल हास्पीटल, ब्रम्हकुमारी एवं वूमन विंग आरईआएफ की पहल
परिधि न्यूज बैतूल
दिव्य गर्भ संस्कार समारोह जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि गर्भवती स्त्री के गर्भ में पल रहे शिशु को आधात्म और संस्कार से जोडऩे का यह अनूठा प्रयास है। वैसे भी हमारे पुराणों में वर्णित है कि गर्भस्थ शिशु मां की आंखों से दुनियां को देखता है, मां के कानों से सुनता है। महाभारत में अभिमन्यु का चक्रव्यूह भेदने का ज्ञान सर्वविदित है जो मां के गर्भ में रहते हुए उसने सुना..हालांकि मां के बीच में सो जाने की वजह से वह चक्रव्यूह से बाहर निकल पाना नहीं सुन पाया था। कुछ ऐसे ही आध्यात्मिक उदाहरणों से पे्ररित होकर ब्रम्हकुमारी बैतूल, आरके मेमोरियल हास्पीटल बैतूल एवं वूमन विंग आरईआएफ बैतूल द्वारा जिले में पहली बार दिव्य गर्भ संस्कार समारोह का आयोजन महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को किया जा रहा है।
आरके मेमोरियल हास्पीटल में होगा समारोह
आरके मेमोरियल हॉस्पीटल की संचालक एवं दिव्य गर्भ संस्कार समिति की आयोजक डॉ कृष्णा मौसिक ने बताया कि 8 मार्च को आरके मेमोरियल हास्पीटल में दोपहर 12 बजे से इस कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका एवं ब्रम्हकुमारीज बैतूल की संचालिका बीके मंजू दीदी के मार्गदर्शन में किया जाएगा। डॉ कृष्णा ने बताया कि स्वस्थ मां एवं स्वस्थ संतान से स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। जीवन सरिता में संस्कारों की सरस रसधारा सतत प्रवाहित होती रहती है, लेकिन यह संस्कार गर्भावस्था के दौरान ही आत्मा को मिले तो उसमें सहज ही दिव्यता आ जाती है। यदि मां गर्भावस्था के दौरान दिव्यता अपनाएं तो उसकी संतान नैतिक, चारित्रिक एवं दैवीय रुप से शक्तिशाली होती है। डॉ मौसिक ने इस कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए मातृशक्ति से अनुरोध किया है।