Betul and MP Latest News

परिधि आंखन देखी – कानन सुनी : कमलनाथ से मुलाकात के दौरान रो पड़ी निशा…कहा मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया ! आमलावालो ने हमेशा मेरा सिर झुकाया है: कमलनाथ

परिधि आंखन देखी – कानन सुनी
कमलनाथ से मुलाकात के दौरान रो पड़ी निशा…कहा मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया !
आमला वालो ने हमेशा मेरा सिर झुकाया है: कमलनाथ
परिधि न्यूज बैतूल/आमला । विधानसभा चुनाव के अब तक के इतिहास शायद ही कोई विधानसभा क्षेत्र इतना चर्चित रहा होगा, जितना बैतूल जिले का विधानसभा क्षेत्र आमला पिछले जून माह से एक महिला अधिकारी की वजह से सुर्खियों में है। जनप्रतिनिधि बनकर जनसेवा करने की महत्वाकांक्षा ने महिला अधिकारी के संघर्ष को मिसाल बनाया या नही यह तो जनता ही बताएगी लेकिन राजनीति में कदम रखने की उनके एलान मात्र ने उन्हें चक्रव्यूह के बीच खड़ा कर दिया। हम बात कर रहे है आमला की पहली एसडीएम रह चुकी पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की। निशा बांगरे ने आमला विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिए अपना इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इस इस्तीफे को स्वीकृत कराने के लिए उन्हें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक के दरवाजे खटखटाने पड़े। आमला से भोपाल तक न्याय यात्रा निकाली और इस दौरान पुलिस की बर्बरता का शिकार होकर जेल तक जाना पड़ा राजनीतिक चाणक्यों की माने तो इस्तीफा देने से लेकर इस्तीफा स्वीकृत होने तक के पुरे सफर में उन्होंने भी किया वह सुनियोजित था। वे कहीं न कहीं आश्वस्त थी कि आमला विधानसभा से कांग्रेस उन्हें अपना प्रत्याशी बनाएगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 23 अक्टूबर से निशा बांगरे का डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा मंजूर करने से कुछ घंटों पहले ही आमला के स्थानीय नेता मनोज मालवे को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाने की पीसीसी चीफ कमलनाथ की घोषणा से निशा खुद को ठगा सा महसूस करने लगी। अगले ही दिन इस्तीफा स्वीकृत किए जाने के आदेश जारी हो गए और 25 अक्टूबर को निशा अपने समर्थकों के साथ छिंदवाड़ा कूच कर गई। यहां उन्हें इंतजार करने के लिए कह दिया गया। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कमलनाथ से मुलाकात के दौरान पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे रो पड़ी,उन्होंने कहा मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया।
जाने कमलनाथ और निशा के बीच हुई चर्चा
कमलनाथ- आमला वालों ने हमेशा मेरा सिर झुकाया है मैंने आपके लिए ही आमला टिकट होल्ड रखी थी। अब दिल्ली और भोपाल में चर्चा करता हूं टिकट के लिए अभी थोड़ा इंतजार करो।
निशा- मैने आमला की जनता की सेवा करने के लिए चुनाव लडऩे का फैसला लिया था। अगर कांग्रेस से टिकट नहीं मिलती है तो मैं स्वतंत्र रुप से चुनाव मैदान में आउंगी। आमला की जनता की मांग पर मैं चुनाव लड़ रही हूं।

राजनीतिक गलियारों में पीसीसी चीफ की आमला वालो ने हमेशा मेरा सिर झुकाया हैं के कई मायने निकाले जा रहे है। बहरहाल निशा आज गुरुवार को कांग्रेस की सदस्यता भी लेने वाली है। वे दो नामांकन जमा कर सकती हैं। जो भी है आगे आमला के लिए कांग्रेस बी फार्म जिस नामांकन के लिए देगी वही अधिकृत प्रत्याशी होगा। अब निशा या मनोज कौन होगा कांग्रेस से चुनावी समर का योद्धा यह आलाकमान तय करेगा। 5 विधानसभा सीटों में एक पर भी महिला प्रत्याशी की घोषणा न होने से कांग्रेस की महिला नेतृत्व को नकारने वाली छवि भी तेजी से उभर रही हैं। इस मसले पर कांग्रेस नेत्री सीमा अतुलकर भी सख्त एलान कर चुकी है।

आमला सीट पर बनते-बिगड़ते समीकरण
निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद आमला सीट फिर चर्चाओं के केंद्र में आ गई है। खबर है कि बांगरे बुधवार को अपने समर्थकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने छिंदवाड़ा पहुंची थी, जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से टिकट को लेकर चर्चा की। हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार बदलेगी या नहीं? यह आला कमान के निर्णय पर निर्भर है, लेकिन सभी में इस बात की उत्सुकता जरूर बढ़ गई है कि कांग्रेस किसे अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाता है। वैसे कांग्रेस ने बैतूल जिले की चारों विधानसभा सीटो पर पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। एकमात्र आमला विधानसभा सीट को होल्ड रखा था। ऐसी चर्चा थी कि कांग्रेस की पहली पसंद निशा बांगरे हो सकती है, किन्तु उनके इस्तीफे का पेंच फंसने के कारण कांग्रेस ने आमला के स्थानीय कांग्रेस नेता मनोज मालवे के नाम पर मोहर लगा दी। गौरतलब रहे कि निशा बांगरे पिछले लंबे समय से आमला में सक्रिय रही है। इसलिए संभावना यह भी जताई जा रही है कि निशा बांगरे को कांग्रेस से टिकट नहीं मिली तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकती है। ऐसा होता है कि आमला विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो जायेगा। बहरहाल कांग्रेस निशा पर दांव खेलती है या मनोज की टिकट यथावत रहेगी, फिलहाल इस बात को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता दिखने को मिल रही है।

टिकट बदली तो बगावत तय

आमला विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी न बदलकर मनोज मालवे को ही उम्मीदवार यथावत रखती है तो निशा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर सकती है। इससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है। भाजपा ने आमला विधानसभा सीट से डॉ. योगेश पंडाग्रे का टिकट फाइनल कर दिया है। कांग्रेस भी मनोज मालवे के नाम पर मोहर लगा चुकी है। ऐसे में कांग्रेस के आला कमान के फैसले पर सभी की निगाहे टिकी हुई है। इधर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस टिकट बदलती है तो बगावत लगभग तय है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.