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अजब-गजब कारनामा: 37 सचिवों को एक ही फर्म ने बेच दिए बूंदी-मिठाई, रेत-गिट्टी, कम्प्यूटर !

जनपद पंचायत का कम्प्यूटर ऑपरेटर देता था सचिवों को फर्म के बिल

धारा 89 के तहत हो सकती है  4 लाख 28 हजार 145 रुपए वसूली

✓अजब-गजब कारनामा: 37 सचिवों को एक ही फर्म ने बेच दिए बूंदी-मिठाई, रेत गिट्टी कम्प्यूटर!
✓जनपद पंचायत का कम्प्यूटर ऑपरेटर देता था सचिवों को फर्म के बिल
✓धारा 89 के तहत हो सकती है  4 लाख 28 हजार 145 रुपए वसूली
परिधि पड़ताल
गौरी बालापुरे पदम बैतूल
जिले में भ्रष्टाचार के मामले पहले भी सामने आते रहे है लेकिन एक मामले ने मिलीभगत और भ्रष्टाचार की तमाम हदें पार कर दी है। मामला जनपद पंचायत बैतूल का है जहां 37 ग्राम पंचायतों द्वारा एक ही वेंडर से दो दर्जन से अधिक अलग-अलग काम कराने और बिलों का भुगतान करने की शिकायत सामने आई। इस वेडर से पंचायतों ने बूंदी, मिठाई, रेत, गिट्टी,कम्प्यूटर रिपेयरिंग, कम्यूटर खरीदी, फोटोकॉपी, स्टेशनरी सहित अन्य सामग्री खरीदी है। हैरत की बात है कि एक ही फर्म सारे सामान ग्राम पंचायतों को बेचती रही और जिन स्थान पर फर्म का संचालन किए जाने की जानकारी दी गई है और बिल पर पता डाला गया है भौतिक सत्यापन के दौरान उक्त स्थान पर यह फर्म पाई ही नहीं गई। पूरे मामले में इस फर्म को 37 ग्राम पंचायतों के सचिवों ने  4 लाख 28 हजार 145 रुपए की सामग्री के बिल का भुगतान किया। अब इस मामले में जिला पंचायत सीईओ द्वारा संज्ञान लिया जाकर जनपद पंचायत के अधिकारी से लेकर सभी 37 पंचायतों के सचिवों से पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार सचिवों से इस मामले में पंचायत राज अधिनियम की धारा 89 के अंतर्गत वसूली की जाएगी।
यह है पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में जनपद पंचायत बैतूल के अंतर्गत आने वाली 37 ग्राम पंचायत को रवि प्रकाश नाम की फर्म द्वारा बूंदी, सेव, नमकीन, रेत-गिट्टी, फोटोकॉपी, फोटोग्राफी,कम्पयूटर रिपेरिंग, कम्प्यूटर सप्लाई, स्टेशनरी सहित अन्य सामग्री की सप्लाईकी गई। एक ही फर्म द्वारा अलग-अलग सामग्री का भुगतान किया जाना संदेहास्पद पाया गया। फर्म का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के साथ बिल पर न तो जीएसटी नंबर था और  नही टीन नंबर बावजूद इसके लाखों रुपए के कार्य फर्म से कराए गए। इस संबंध में जिला पंचायत में गत 14 सितंबर 2023 को जांच फाईल पहुंची और सीईओ अक्षत जैन ने मामले को संज्ञान में लिया। फर्जीवाड़े की स्थिति को भांपते हुए 29 सितंबर को 37 ग्राम पंचायतों के सचिवों को पेशी पर बुलाया गया। पहली पेशी में कुछ सचिव आए कुछ नहीं आए, कुछ ने जवाब दिया तो कुछ चुप रह गए।

सचिवों ने किया खुलासा जनपद के कम्प्यूटर ऑपरेटर ने दिए थे बिल
29 सितंबर को पेशी में आए सचिवों से जवाब तलब किए जाने पर कुछ ने जवाब में बताया कि उन्हें जनपद पंचायत बैतूल के कम्प्यूटर ऑपरेटर रामकिशोर पुण्डे द्वारा बिल उपलब्ध कराएं गए थे। इसी आधार पर उन्होंने बिलों का भुगतान किया। हालांकि बिना टीन एवं जीएसटी वाले बिलों पर भुगतान को लेकर सचिव कुछ जवाब नहीं दे पाये। इस पूरे मामले में अब जनपद पंचायत के अधिकारियों से भी जिला पंचायत सीईओ द्वारा जानकारी ली जा रही है। हालांकि प्रथम दृष्टया धारा 89 के अंतर्गत वसूली की कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
यह 37 पंचायतें जांच घेरे में, सचिवों से पूछताछ जारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बैतूल की जिन 37 ग्राम पंचायतों में फर्जी बिलों पर सचिव एवं जनपद पंचायत के कम्प्यूटर ऑपरेटर की मिलीभगत से लाखों रुपए का आहरण किया गया है उनमें ग्राम पंचायत चांदबेहड़ा, टाहली, देवगांव,मण्डई बुजर्ग, रातामाटी, लावन्या, लापाझिरी, खेड़ी, सराड़, सेलगांव, सांवगा, ढोढ़वाडा, दनोरा, भडूस, टेमनी, जामठी, मरामझिरी, खेडला, बाजपुर, बारव्ही, सेहरा, भैंसदेही, खण्डारा, बघवाड़, सोहागपुर, मलकापुर, जैतापुर, बारव्ही, गुडी,रेड़वा दभेरी, गोडीगौला, सांंईखंडारा, लाखापुर, मोहार, कोलगांव सहित अन्य ग्राम पंचायतों के सचिव से इस संबंध में पूछताछ एवं जांच सीईओ जिला पंचायत द्वारा की जा रही है।
इनका कहना…
हमने इस मामले में संबंधितों के कथन लिए है। एक सप्ताह में मामले में निर्णय हो जाएगा। निर्णय के बाद ही आपको जानकारी दी जा सकेगी।
अक्षत जैन, सीईओ जिला पंचायत बैतूल 

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