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PARIDHI POLICE DAIRY BETUL 1️⃣➡️ईडी–सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी की कोशिश, पाथाखेड़ा पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” के झांसे से 64 वर्षीय बुजुर्ग को बचाया, साइबर ठगों की बड़ी साजिश नाकाम 2️⃣➡️बैतूल पुलिस ने देश के विभिन्न राज्यों से 25 गुम नाबालिग बालिकाओं को सकुशल किया दस्तयाब

1️⃣➡️ईडी–सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी की कोशिश, पाथाखेड़ा पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” के झांसे से 64 वर्षीय बुजुर्ग को बचाया, साइबर ठगों की बड़ी साजिश नाकाम 

✓3 दिन रखा ‘डिजिटल कैद’ में  पुलिस ने होटल से मुक्त कर बचाई रिटायर्ड WCL कर्मचारी की जीवनभर की कमाई

परिधि पुलिस डायरी बैतूल/ 02 दिसंबर 2025

सारणी थाना क्षेत्र के राजेश गेस्ट हाउस बगडोना (थाना सारणी क्षेत्र) में एक व्यक्ति को साइबर ठगों द्वारा तथाकथित “डिजिटल अरेस्ट” में फंसाकर धमकाया जा रहा है। ठग वीडियो कॉल के माध्यम से स्वयं को ईडी व सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित को गलत लेन-देन के झूठे आरोप में भयभीत कर रहे थे तथा मामले को दबाने के नाम पर बड़ी धनराशि की मांग कर रहे थे।1 दिसंबर को सूचना मिलते ही पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की और बुजुर्ग को लाखों रुपए की ठगी से बचा लिया।

पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन द्वारा साइबर ठगी से बचाव हेतु लगातार आम जनता को जागरूक किया जा रहा है इसी क्रम में लगातार विशेष अभियान चलाए जाकर स्कूल कॉलेज एवं सार्वजनिक स्थलों में जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहे हैं साथ ही समस्त थाना प्रभारी को ऑनलाइन ठगी साइबर अपराधों में कमी ले जाने हेतु प्रभावी कार्रवाई किए जाने हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी, एसडीओपी सारणी सुश्री प्रियंका करचाम एवं थाना प्रभारी सारणी  जयपाल इनवाती के मार्गदर्शन में थाना सारणी चौकी पाथाखेड़ा अंतर्गत डिजिटल अरेस्ट के प्रकरण में पीड़ित की जीवन भर की कमाई को बचाने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की गई है।

साइबर ठगों ने होटल में रुकवाया, परिजनों से संपर्क करने से रोका

एसपी वीरेंद्र जैन ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पीड़ित चैतराम नरवरे, उम्र 64 वर्ष, निवासी अशोका गार्डन भोपाल (रिटायर्ड WCL कर्मचारी) अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होने के डर से ठगों के कहने पर पाथाखेड़ा आ गए थे। ठगों ने उन्हें होटल में रुकवाकर परिवारजन व परिचितों से संपर्क करने से भी रोक दिया। पीड़ित अपनी जीवन भर की जमा पूंजी, जो SBI पाथाखेड़ा शाखा में एफडी के रूप में थी, उसे तुड़वाकर ठगों को देने के लिए बैंक से RTGS फॉर्म तक लेकर आए थे।तत्काल सूचना पर चौकी प्रभारी पाथाखेड़ा उप निरीक्षक मनोज कुमार उइके, प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह तेकाम, आरक्षक रविमोहन, आरक्षक राकेश करपे तथा सैनिक सुभाष की टीम राजेश गेस्ट हाउस पहुँची। टीम ने पीड़ित को सुरक्षित बाहर निकालकर विस्तार से जानकारी ली। पीड़ित मानसिक रूप से सदमे की स्थिति में था और तीन दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर विश्वास नहीं कर पा रहा था।

बैतूल बाजार थाना प्रभारी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

पीड़ित को सुरक्षित चौकी लाकर पूरी घटना विस्तार से जानी गई तथा उनके परिवारजनों से संपर्क स्थापित किया गया। इस दौरान थाना प्रभारी बैतूल बाजार सुश्री अंजना धुर्वे ने भी पीड़ित के बड़े भाई से संपर्क कर परिजनों को पुलिस चौकी पाथाखेड़ा पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।यदि समय रहते यह त्वरित पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती, तो साइबर ठग पीड़ित से उसकी जीवन भर की मेहनत की पूरी कमाई हड़प लेते।

इनकी रही सराहनीय भूमिका
चौकी प्रभारी पाथाखेड़ा उप निरीक्षक मनोज कुमार उइके, थाना प्रभारी बैतूल बाजार निरीक्षक अंजना धुर्वे, प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह तेकाम, आरक्षक रविमोहन, आरक्षक राकेश करपे तथा सैनिक सुभाष एवं साइबर पुलिस बैतूल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
डिजिटल अरेस्ट’ जैसा कोई शब्द या प्रक्रिया भारतीय कानून में नहीं : एसपी

एसपी वीरेंद्र जैन ने जनसामान्य से अनुरोध है कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा कोई शब्द या प्रक्रिया भारतीय कानून में कहीं भी अस्तित्व में नहीं है। कोई भी जांच एजेंसीचाहे वह पुलिस, सीबीआई, ईडी या अन्य विभाग होवीडियो कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति को न तो गिरफ्तार कर सकती है और न ही धनराशि की मांग कर सकती है।यदि कोई व्यक्ति स्वयं को अधिकारी बताकर ऑनलाइन माध्यम से आपको डराने या धमकाने का प्रयास करता है, तो समझ लें कि यह साइबर ठगी है। ऐसी किसी भी कॉल पर विश्वास न करें, अपनी निजी/बैंकिंग जानकारी साझा न करें और तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन) अथवा नजदीकी थाने को सूचना दें।

2️⃣➡️बैतूल पुलिस ने देश के विभिन्न राज्यों से 25 गुम नाबालिग बालिकाओं को सकुशल किया दस्तयाब

बैतूल/पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार नवंबर माह में संचालित ‘मुस्कान विशेष अभियान’ के अंतर्गत बैतूल पुलिस ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से वर्ष 2025 में गुमशुदा नाबालिग बालिकाओं की खोज हेतु विशेष रणनीति अपनाते हुए 25 नाबालिग बालिकाओं की सकुशल दस्तयाबीं करने में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है।पुलिस अधीक्षक  वीरेंद्र जैन के नेतृत्व में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी के मार्गदर्शन में गठित पुलिस टीमों ने जिले के विभिन्न थानों में दर्ज गुमशुदगी प्रकरणों की गंभीर समीक्षा करते हुए दस्तयाबीं हेतु त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की।बालिकाएँ देश के विभिन्न राज्यों—गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं मध्यप्रदेश—के अलग-अलग शहरों जैसे हैदराबाद, गांधीधाम, नागपुर, परतवाड़ा, उज्जैन, छिंदवाड़ा आदि स्थानों से खोजकर सुरक्षित रूप से बैतूल लायी गईं।सभी बालिकाओं को वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।पुलिस टीमों द्वारा तकनीकी विश्लेषण, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग तथा स्थानीय सूत्रों की जानकारी के आधार पर सटीक एवं वैज्ञानिक तरीके से खोज कार्यवाही की गई।अभियान के दौरान संबंधित राज्यों की स्थानीय पुलिस का भी महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।

बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें : एसपी

एसपी वीरेंद्र जैन ने जिले के सभी अभिभावकों, शिक्षकों एवं आम नागरिकों से आग्रह किया है कि वे बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। बच्चों से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि, अप्राकृतिक व्यवहार या उत्पीड़न संबंधी जानकारी तुरंत पुलिस को दें। बैतूल पुलिस बच्चों के सुरक्षित भविष्य, महिलाओं की सुरक्षा तथा शांतिपूर्ण समाज निर्माण के लिए सदैव संवेदनशील, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।

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