पातालकोट एक्सप्रेस का नाम “भगवान बिरसा मुंडा एक्सप्रेस” किए जाने की मांग
पातालकोट एक्सप्रेस का नाम “भगवान बिरसा मुंडा एक्सप्रेस” किए जाने की मांग
परिधि न्यूज बैतूल
छिंदवाड़ा–फिरोजपुर-छिंदवाड़ा के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या 20423/20424 ‘पातालकोट एक्सप्रेस’ का नाम बदलकर “भगवान बिरसा मुंडा एक्सप्रेस” किए जाने की मांग उठाई गई है। यह मांग पत्र बैतूल के वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त स्टेशन प्रबंधक वीरेंद्र कुमार पालीवाल द्वारा रेल मंत्री को प्रेषित किया गया है। इसकी प्रतिलिपि ई-मेल द्वारा बैतूल, छिंदवाड़ा एवं नर्मदापुरम के सांसदों को भी उचित कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई है।
बताया गया कि इस माँग में तीन प्रमुख जनजातीय बहुल जिलों छिंदवाड़ा, बैतूल और नर्मदापुरम (होशंगाबाद) की जनभावना निहित है। ये जिले न केवल भगवान बिरसा मुंडा जी की विचारधारा से गहराई से जुड़े हैं, बल्कि जल, जंगल, जमीन और जन के संरक्षण की उनकी ऐतिहासिक परंपरा के संवाहक भी हैं।
पाँच मुख्य आधारों पर यह मांग पत्र लिखा गया है
1) भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंध :- इस ट्रेन का प्रस्थान एवं वापसी मार्ग मध्य भारत के इन्हीं जनजातीय अंचलों से होकर गुजरता है, जहाँ भगवान बिरसा मुंडा जी के विचार और संघर्ष की गूंज आज भी जीवित है। यह नामकरण इन क्षेत्रों की अस्मिता और गौरव का सम्मान होगा।
2) राष्ट्रीय महत्व का प्रतीक :- भगवान बिरसा मुंडा केवल जनजातीय समाज के नायक नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक और पर्यावरण-संरक्षण के प्रतीक हैं। उनके नाम पर ट्रेन का नामकरण राष्ट्रव्यापी एकता और स्वाभिमान का संदेश देगा।
3) रेलवे की नामकरण नीति के अनुरूप :- रेलवे बोर्ड की मौजूदा नीति में ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक अथवा राष्ट्रीय महत्व के आधार पर ट्रेनों के नामकरण का प्रावधान है। देश में पहले से कई ट्रेनों के नाम संतों, देवी-देवताओं एवं महान व्यक्तित्वों के नाम पर हैं, अतः यह प्रस्ताव नीति के पूर्णतः अनुरूप है। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी ‘’Etymology of Trains of
Indian Railways’’ का हवाला देते हुए पत्र में कुछ उदाहरण भी दिए गए हैं ।
4) जनप्रतिनिधियों के लिए होगा गौरव का विषय :- यह मांग बैतूल-हरदा-हरसूद लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री (जनजातीय कार्य मंत्रालय) श्री डी. डी. उइके जी, छिंदवाड़ा सांसद श्री बंटी विवेक साहू जी, तथा नर्मदापुरम सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी जी के संसदीय क्षेत्रों को भी जोड़ती है। अतः यह निर्णय इन जनप्रतिनिधियों के साथ ही इन सभी जनजातीय अंचलों के निवासियों के लिए गौरव का विषय बनेगा।
5) भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर ऐतिहासिक घोषणा का सुझाव :- मांग पत्र में यह सुझाव भी दिया गया है कि इस नामकरण की घोषणा 15 नवंबर 2025, भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर की जाए, जिससे इसे एक ऐतिहासिक और भावनात्मक स्वरूप प्राप्त हो सके।
मांगकर्ता का कहना है कि
“यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव और राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त करने का प्रतीक कदम होगा। भगवान बिरसा मुंडा का नाम इस ट्रेन से जोड़ना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा ‘’ जनभावनाओं, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय प्रतीकात्मकता को ध्यान में रखते हुए, यह न केवल जनजातीय समाज की आस्था का सम्मान होगा बल्कि रेल मंत्रालय द्वारा लिए जाने वाले एक ऐतिहासिक निर्णय के रूप में स्थापित होगा।