एएनएम के भरोसे चल रहा उप स्वास्थ्य केंद्र झाकस, सीएचओ ललित सोलंकी की लापरवाही उजागर, हमेशा रहते नदारद
✓एएनएम के भरोसे चल रहा उप स्वास्थ्य केंद्र झाकस, सीएचओ ललित सोलंकी की लापरवाही उजागर, हमेशा रहते नदारद
अंकित सिंह तोमर परिधि न्यूज, दामजीपुरा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमपुर के अंतर्गत आने वाले *उप स्वास्थ्य केंद्र झाकस* में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है। ग्रामीणों ने खुलेआम आवाज उठाते हुए सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) ललित सोलंकी पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे हमेशा केंद्र से गायब रहते हैं और उप स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ कागजों पर चल रहा है। स्थिति यह है कि पूरे गांव का स्वास्थ्य दायित्व अब एनएम (नर्सिंग मिडवाइफ) के भरोसे टिका हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी वे इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र जाते हैं, तो वहां सीएचओ नदारद रहते हैं। इलाज के नाम पर केवल एनएम ही मरीजों को देखती है। ऐसे में बड़ी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता। कई बार गंभीर स्थिति में मरीजों को अन्य गांवों या जिला अस्पताल तक भागना पड़ता है, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरकार लाख दावे करे कि स्वास्थ्य सेवाएं गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही हैं, लेकिन *उप स्वास्थ्य केंद्र झाकस* हकीकत में लापरवाही और उदासीनता का अड्डा बन गया है। केंद्र की इमारत तो खड़ी है, लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी समय पर मौजूद नहीं रहते।
ग्रामीण महिला ने कहा कि “हम गर्भवती महिलाएं चेकअप कराने आती हैं, लेकिन सीएचओ साहब का नाम तक सुनाई नहीं देता। एनएम बहनजी ही हमारा सहारा हैं। सरकार को सोचना चाहिए कि ऐसे अधिकारियों को क्यों रखा गया है, जो अपने कर्तव्य से भाग रहे हैं।
इसी तरह एक बुजुर्ग ग्रामीण ने तंज कसते हुए कहा कि *झाकस उप स्वास्थ्य केंद्र* मरीजों का इलाज कम, दिखावा ज्यादा करता है। सीएचओ सिर्फ सैलरी लेने आते हैं, लेकिन मरीजों को देखने का समय उनके पास नहीं होता।”ग्रामीणों का आरोप है कि सीएचओ ललित सोलंकी महीनों तक बिना सूचना के अनुपस्थित रहते हैं। उच्च अधिकारियों तक बार-बार शिकायत पहुंचाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सामूहिक रूप से स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
लोगों का कहना है कि सरकार की योजनाओं और स्वास्थ्य बजट का फायदा तभी होगा, जब जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारी ईमानदारी से काम करेंगे। लेकिन झाकस में तस्वीर बिल्कुल उलटी है। यहां स्वास्थ्य सेवाएं एनएम के भरोसे चल रही हैं और सीएचओ ललित सोलंकी सिर्फ नाम के अधिकारी साबित हो रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग तुरंत जांच करे और लापरवाह सीएचओ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो गांव की जनता सड़क पर उतरने को मजबूर होगी।
इनका कहना…
में बैतूल मीटिंग में हूं मेरे संज्ञान में जैसी मामला आता है मैं उसकी जांच करता हूं
डॉ दीपक निगवाल, BMO भीमपुर