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देहगुड़ से पोहर तक कीचड़ भरी राह पर छात्राओं की दो-टूक, कलेक्टर से कहा: अब मुरम नहीं, पक्की सड़क चाहिए

सड़क पर कीचड़ से परेशान बेटियों ने जनसुनवाई में कलेक्टर को सुनाई अपनी पीड़ा

✓देहगुड़ से पोहर तक कीचड़ भरी राह पर छात्राओं की दो-टूक, कलेक्टर से कहा: अब मुरम नहीं, पक्की सड़क चाहिए
✓सड़क पर कीचड़ से परेशान बेटियों ने जनसुनवाई में कलेक्टर को सुनाई अपनी पीड़ा
परिधि न्यूज बैतूल

कच्ची और कीचड़ से भरी सड़क से परेशान छात्राएं जब जनसुनवाई में पहुंचीं तो उन्होंने जिला प्रशासन को अपनी पीड़ा इस अंदाज़ में सुनाई कि जनसुनवाई का माहौल ही बदल गया। जनसुनवाई में पहुंची छात्राओं ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और अन्य अधिकारियों से बिना लाग-लपेट के साफ कह दिया कि अब मुरम की सड़क नहीं चाहिए, पक्की सड़क चाहिए। छात्राओं ने अधिकारियों से कहा कि आप कभी गांव में आकर सड़क की हालत देखो। छात्राओं की बात सुनकर कलेक्टर ने भी मजाकिया लहजे में जवाब दिया, बेटा आएंगे, तुम्हारे घर चाय भी पीकर जाएंगे।
छात्रा गायत्री मालवीय ने बताया कि ग्राम पोहर से देहगुड़ तक का रास्ता इतना खराब है कि स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। विधायक चंद्रशेखर देशमुख से कई बार शिकायत की, पर उन्होंने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब कलेक्टर से मिले हैं, उन्होंने आश्वासन दिया है कि सड़क जल्द बनेगी।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय साईखेड़ा की छात्रा रागिनी सराटकर ने बताया कि उन्हें रोज देहगुड़ से साईखेड़ा जाना पड़ता है, जिसमें ग्राम पोहर से देहगुड़ तक की 3 किलोमीटर की सड़क सबसे बड़ी परेशानी है। पूरी सड़क कीचड़ और गहरे गड्ढों से भरी हुई है, जिससे हर दिन गिरने का डर बना रहता है। बारिश के दिनों में तो हाल और भी बुरा हो जाता है।
सड़क की मांग को लेकर कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के दौरान छात्राएं साक्षी अड़लक, रेशमा सराटकर, रागिनी सराटकर, चन्द्रकला टेकाम, गायत्री कवड़कर, वर्षा माकोड़े, आशिका टेकाम, रीता गावंडे सहित ग्राम की महिलाएं भी उपस्थित रहीं। सभी ने कहा कि अब मुरम की सड़क नहीं चलेगी, हमें डामरीकरण चाहिए।
सरपंच श्रीराम माकोड़े ने बताया कि ग्राम देहगुड़ से पोहर तक लगभग 3 किलोमीटर की सड़क कच्ची है और अत्यंत खराब स्थिति में है। यह सड़क काली मिट्टी वाले क्षेत्र से होकर गुजरती है, जिससे हर बारिश में मार्ग दुबारा खराब हो जाता है। उन्होंने बताया कि विधायक निधि से मरम्मत के लिए प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है और राशि प्राप्त होते ही मरम्मत कर दी जाएगी। लेकिन ग्रामवासियों और छात्राओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह तात्कालिक समाधान नहीं चलेगा, अब पक्की सड़क चाहिए।

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