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हेमंत-ऋतु की सहृदयता ने ओझाढाना के भटकते बचपन में लाया शिक्षा का ठहराव

कबाड़ बीनने वाले 40 बच्चों की बदल गई जिदंगी

✓कबाड़ बीनने वाले 40 बच्चों की बदल गई जिदंगी
✓हेमंत-ऋतु की सहृदयता ने ओझाढाना के भटकते बचपन में लाया शिक्षा का ठहराव
गौरी बालापुरे पदम / परिधि न्यूज, बैतूल


बैतूल शहर में एक अलग दुनिया है, कोई यहां जाने से कतराता है तो कोई यहां आकर भटक जाता है। यहां स्कूल भी है, आंगनबाड़ी भी है, लेकिन बच्चों में स्कूल जाने की ललक नहीं थी, घर के पुरुष सदस्य ज्यादातर शराब पीने के आदी है, परम्परागत रुप से शराब बनाना या शराब बेचना ही इनका पेशा रहा है यही वजह रही कि विकास की लहर यहां पहुंचने के बाद भी जीवन स्तर में आज भी ज्यादा बदलाव नहीं आ पाया। यहां सडक़े अब कांक्रीटवाली है, स्कूल है, आंगनबाड़ी है लेकिन बच्चों को स्कूल तक लाना टेड़ी खीर है। लाख प्रयासों के बाद भी स्कूल और आगनवाड़ी से बच्चें भाग कर घर लौट आते थे। पिछले कुछ दशकों में शासन-प्रशासन एवं सामाजिक संगठनों ने भी इस दुनिया को बदलने के जतन किए लेकिन वह उतने प्रभावी साबित नहीं हो पाये, लेकिन पिछले दस वर्षों से एक आशा की किरण नजर आ रही है और भावी पीढ़ी बदलाव, शिक्षा और अनुशासित जीवन से जुड़ रही है। हम बात कर रहे है शहर के ओझाढाना की। इन बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के जो प्रयास श्रीश्री ज्ञान मंदिर ने किए वह सराहनीय है, लेकिन शिक्षा के मंदिर तक ओझाढाना के बच्चों को पहुंचाने की राह को आसान बनाया बैतूल विधायक एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल एवं आरडी पब्लिक स्कूल की संचालक श्रीमती ऋतु खण्डेलवाल ने। श्रीश्री ज्ञान मंदिर की प्राचार्य जयश्री शाह, मीना खंडेलवाल, समाज सेवी अलका पांडे एवं ओझाढाना निवासी मनोहर धुर्वे के एक आग्रह पर ओझाढाना के बच्चों को दस वर्ष पहले हमलापुर में संचालित श्रीश्री ज्ञान मंंदिर तक पहुंचाने का बीड़ा खण्डेलवाल दम्पत्ति ने उठाया और यह सिलसिला लगातार दस वर्षों से जारी है। स्कूल तक पहुंचने के लिए मिल रही नि:शुल्क सेवा की वजह से ओझाढाना 40 एवं शहर के अन्य 30 जरूरतमंद बच्चों की जिदंगी सवर गई है।


आसान नहीं है ओझाढाना की सूरत बदलना
कोशिशें बताती है कि बदलाव आता है…और जो बदलाव धीरे-धीरे होता है वह स्थायी होता है। कुछ दशक पहले तक सामान्य व्यक्ति ओझाढाना में कदम रखने में भी कतराता था, इसके पीछे वजह है यहां की गतिविधियां और जीवन स्तर। यहां के रहवासियों ने खुद को बदलने का प्रयास ही नहीं किया, कई प्रयास किए गए, विकास की योजनाएं भी इनकी दहलीज तक पहुंची, कभी कीचड़ सनी गलियों में अब कांक्रीट की सडक़े है लेकिन, पानी, बिजली है लेकिन यहां रहने वालों के जीवन में आज भी नशा करना, विवाद और अन्य गतिविधिया शामिल है। ओझाढाना में लोगों का जीवन बदलना आसान नहीं है लेकिन साझा प्रयास किए जाए तो यह असंभव भी नहीं है।
ओझाढाना से बच्चों को स्कूल पहुंचाने की पहल
ओझाढाना में वर्ष 2014 में श्रीश्री ज्ञान मंदिर की दस्तक हुई। समाजसेवी मीना खण्डेलवाल इस दौरान ओझाढाना में जागरुकता के लिए कार्य कर रही थी। मीना खण्डेलवाल एवं ओझाढाना के रहवासी मनोहर धुर्वे ने बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए सार्थक कदम उठाए। श्रीश्री ज्ञान मंदिर स्कूल में बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, स्टेशनरी, पाठ्यपुस्तक, भोजन की व्यवस्था थी। स्कूल का भी शुरुआती दौर था और यह स्कूल ऐसे ही बच्चों को शिक्षा से जोडऩे की पहल के तौर पर प्रारंभ हुआ। वर्ष 2024 में 13 बच्चों ने ओझाढाना की सिमटी हुई दुनिया से बाहर निकल स्कूल की राह चुनी। बच्चों के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने के लिए तैयार हुए तो परेशानी आई कि ओझाढाना से इन बच्चों को कैसे हमलापुर से स्कूल तक पहुंचाया और वापस घर लाया जाये।
खंडेलवाल दंपत्ति के सेवा कार्यों की लंबी फेहरिस्त
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल एवं ऋतु खंडेलवाल शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज सेवा के क्षेत्र में हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई रहे है। कोरोना काल के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता दिवंगत हुए ऐसे 40 बच्चों को 12वीं कक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा देने का जिम्मा भी उन्होंने लिया है। विजय सेवा न्यास के माध्यम से गरीब बच्चों के लिए १३ स्मार्ट कोचिंग की सुविधा भी प्रदाय की जा रही है। समाज सेवी मधु पाटनकर बताते है कि विगत 12 वर्षों से विकलांगता की पीड़ा झेल रहे है मुकेश वाघमारे श्री खंडेलवाल की मदद से अपने पैरो पर खड़े हो पाए है। शव वाहन के माध्यम से 5 हजार से अधिक शवों का परिवहन भी किया गया। लोगों के सुख-दुख के हमेशा सहभागी बनने वाले हेमंत खंडेलवाल भले ही आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण है, लेकिन विधानसभा क्षेत्र बैतूल एवं जिले वासियों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते है। विजय सेवा न्यास को पंख जैसे उपक्रम खंडेलवाल दंपत्ति के सेवा कार्यों की फेहरिस्त लंबी है।
और आसान बन गई स्कूल जाने की राह…
बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने और सुरक्षित घर लाने की समस्या से जब वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल एवं आरडी पब्लिक स्कूल की संचालक ऋतु खण्डेलवाल को अवगत कराया गया तो उन्होंने सहर्ष स्कूल की एक बस से बच्चों को ओझाढाना से हमलापुर श्रीश्री ज्ञान मंदिर छोडऩे एवं वापस उन्हें ओझाढाना तक उसी बस से लाने की अनुमति दे दी। स्कूल की प्राचार्य जयश्री शाह बताती है कि एक छोटे से आग्रह पर बस की उपलब्धता उनके लिए बड़ी सौगात थी। जब पहली बार ओझाढाना के सामने बस खड़ी हुई और बच्चे स्कूल जाने के लिए लालायित नजर आए वह पल आत्मिक संतोष देने वाला था। उस दिन से लेकर आज तक बिना किसी अवरोध के आरडी पब्लिक स्कूल की बस नियमित इन बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर पहुंचा रही है।
वर्तमान में श्रीश्री ज्ञान मंदिर खंजनपुर में संचालित है और दस वर्ष से यह निर्बाध नि:शुल्क बस सेवा जारी है। 13 बच्चों से 2014 में शुरु हुआ सफर 2025 में 40 बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ चुका है।
ओझाढाना के बच्चें को अनुशासन सिखाना भी बड़ी चुनौती
शुरुआती दौर में ओझाढाना के बच्चे जब स्कूल आते थे तो अक्सर उनके मैले-कुचैले कपड़े, बच्चों के कई-कई दिनों तक न नहाने की आदते और भाषा में अभद्रता और भी कई मुश्किले थी, लेकिन स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को जिस तरह शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन का पाठ पढ़ाया उससे बदलाव साफ नजर आ रहा है। अब बच्चे यूनीफार्म पहनकर स्कूल आते है, वह स्कूल जाने से ना डरते है ना उनमें झिझक है। कक्षा एक से 8वीं तक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा यहां दी जा रही है। समय-समय पर खण्डेलवाल दम्पत्ति भी बच्चों से मिलने स्कूल पहुंचते है। वार्षिक उत्सव में शिरकत करते है। खण्डेलवाल दम्पत्ति की यह सेवा मिसाल है जो वर्षों से चुपचाप बच्चों को मंजिल तक पहुंचा रही है।

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