टूरिज्म स्थलों पर बिना अनुमति ट्रेकिंग करने पर होगी कार्रवाई
दक्षिण बैतूल वनमंडल ने दी चेतावनी, ट्रेकिंग से पहले लें अनुमति
✓टूरिज्म स्थलों पर बिना अनुमति ट्रेकिंग करने पर होगी कार्रवाई
✓दक्षिण बैतूल वनमंडल ने दी चेतावनी, ट्रेकिंग से पहले लें अनुमति
परिधि न्यूज बैतूल
दक्षिण वनमंडल के ईको टूरिज्म स्थलों सापना और कुकरू सहित अन्य जलप्रपातों व झरनों में अब बिना अनुमति प्रवेश करना अब महंगा पड़ सकता है। डीएफओ विजयानन्तम टी.आर. के मार्गदर्शन में वन विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि आरक्षित व संरक्षित वनक्षेत्रों में अवैध प्रवेश भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत दंडनीय अपराध है।
संरक्षित वन क्षेत्रों में अनेक जलप्रपात, झरने, नदियां व जैवविविधता से भरपूर स्थल स्थित हैं। विभाग के अनुसार इन स्थानों पर ट्रेकिंग या पर्यटन गतिविधियों के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य है। वनमंडलाधिकारी विजयानन्तम टी.आर. ने बताया कि इन क्षेत्रों में वर्ष भर जल की उपलब्धता के कारण यह वन्यप्राणियों के विचरण क्षेत्र भी हैं। अवैध प्रवेश से जैवविविधता को नुकसान होता है, वन्यप्राणी शिकार की संभावना भी बढ़ जाती है। इस कारण बिना अनुमति ट्रेकिंग व भ्रमण को गंभीरता से लिया जाएगा।
वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुछ गैर सरकारी संस्थाएं और टूर ऑपरेटर आकर्षक प्रचार के माध्यम से पर्यटकों को भ्रमित कर रहे हैं। वे यह जानकारी नहीं देते कि ये स्थल आरक्षित वनक्षेत्र हैं और बिना अनुमति प्रवेश अवैधानिक है। इससे आम नागरिक परेशान होते हैं और नियमों का अनजाने में उल्लंघन कर बैठते हैं।
– संबंधित परिक्षेत्र से लेना होगा अनुमति
वन विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी ट्रेकिंग या ईको पर्यटन गतिविधि से पहले संबंधित परिक्षेत्र अधिकारी या स्थानीय ईको-पर्यटन समिति से संपर्क करें और विधिवत अनुमति प्राप्त करें।
परिक्षेत्र का नाम: आमला (सा.) 9424790404, ताप्ती (सा.) – 9424790405, मुलताई (सा.) – 9424790406, आठनेर (सा.) – 9424790492, भैसदेही (सा.) – 9424790407, सावलमेंढा (सा.) – 9424790408 से संपर्क कर सकते हैं। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध प्रवेश करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।