आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास का काला पन्ना – राजेश तिवारी
✓आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास का काला पन्ना – राजेश तिवारी
✓पत्रकारवार्ता में बोले भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
परिधि न्यूज बैतूल
कांग्रेस का लोकतंत्र में विश्वास तब तक है जब तक वह सत्ता में है। जब वह सत्ता से बाहर होती दिखाई देती है, वह संविधान और लोकतंत्र की धज्जियाँ उड़ाने से नहीं चूकती। आज से 50 वर्ष पहले, 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोप दिया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला पन्ना है। उक्त उदगार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश तिवारी ने जिला भाजपा कार्यालय विजय भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में व्यक्त करते हुए कहा कि यह वह समय था जब संविधान को ताक पर रखकर व्यक्तिगत सत्ता की रक्षा के लिए पूरे देश को एक तानाशाही शासन के अधीन कर दिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया। इन सबके बीच 25 जून 1975 की रात को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर देश में आपातकाल लागू कर दिया। श्री तिवारी ने पत्रकारो के सवालो के जवाब देते हुए कहा कि आपातकाल के दौर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, और न्यायिक संरक्षण जैसे मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए। मीडिया पर कठोर सेंसरशिप लागू कर दी गई। कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि वही कांग्रेस बार-बार संविधान को बेरहमी से कुचलती रही है। कांग्रेस के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक दिखावा है 2014 में भाजपा के श्री नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व के रूप में भारत को महान नायक मिला जिनके नेतृत्व में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत व गहरी हुईं है आज भाजपा के नेतृत्व में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है संविधान की रक्षा की जा रही है। पत्रकारवार्ता के दौरान भाजपा जिला संगठन प्रभारी सुजीत जैन, जिलाध्यक्ष सुधाकर पंवार , कार्यक्रम के जिला सह संयोजक अतीत पंवार , जिला मीडिया प्रभारी सुर्यदीप त्रिवेदी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।