तहसीलदार साहब के बिगड़े बोल: आपको यह कहना चाहिए साहब निवेदन है किसान का रास्ता खुलवा दीजिए
जनसुनवाई में पहुंचे किसान को शिकायत करने से कर दिया मना और भूल गए तहसीलदार साहब अब कहते है कलेक्टर को ही करो शिकायत
✓तहसीलदार साहब के बिगड़े बोल: आपको यह कहना चाहिए साहब निवेदन है किसान का रास्ता खुलवा दीजिए
✓जनसुनवाई में पहुंचे किसान को शिकायत करने से कर दिया मना और भूल गए तहसीलदार साहब अब कहते है कलेक्टर को ही करो शिकायत
परिधि न्यूज बैतूल

एक किसान की चार एकड़ खेत में अब तक बोवनी नहीं हो पाई, किसान के खेत मत्स्य पालन यूनिट संचालित है और पड़ोसी किसान ने सरकारी और निजी दोनों रास्ते बंद कर दिए है। किसान जब 17 जून को जनसुनवाई में आवेदन देने पहुंचा तो लाइन में लगे किसान को बुलवाकर तसीलदार ने शिकायत नहीं करने दी और कहा कि कागज साइन करके तहसील में जमा करा देना और कहा भी कि दो दिन में रास्ता खुलवा देंगे। किसान ने इसके पहले 10 जून को भी एस डी एम को शिकायत की थी लेकिन कोई हल अब तक नहीं निकल पाया।उल्टा एसडीएम को शिकायत करने के बाद पड़ोसी किसान ने सरकारी और निजी दोनों रास्ते पर बुवाई करके रास्ते बंद कर दिए।इस पूरे मसले पर जब तहसीलदार गोवर्धन पाठे से इस प्रतिनिधि ने बात की तो साहब बिफर पड़े और कहने लगे कि अब कलेक्टर से ही शिकायत करवाकर रास्ता बनवा लीजिए। यही नहीं जनसुनवाई में किसान को शिकायत न करने देने की वजह जब पूछी गई तो तहसीलदार साहब के तेवर के साथ साथ बोल भी बिगड़ गए और तैश में बात करने लगे। किसानों की समस्याओं और जमीनी मामलों के निराकरण के लिए कलेक्टर हमेशा संवेदनशील रहते है, लेकिन बात यदि तहसीलदार पाठे की करे तो उन पर साहबगिरी इतनी ज्यादा हावी है कि वह हर किसी को हाथ जोड़कर निवेदन करने या उनके सामने गिड़गिड़ाकर मदद मांगने की मंशा रखते है।
यह है मामला
10 जून को धौल के किसान ईश्वर सोनी ने नोखेलाल, मायाराम और दीना यादव के विरुद्ध एसडीएम को शिकायत की गई। शिकायत में उल्लेख है कि उक्त तीनों किसानों की जमीन से सटा हुआ सरकारी रास्ता है। इसी रास्ते से किसान ईश्वर सोनी अपने खेत तक जाते है। तीनों किसानों ने इस रास्ते को हरे भरे पेड़ काटकर उन्हें रास्ते में डालकर बंद कर दिया है। ईश्वर सोनी एसडीएम को शिकायत करने के बाद भी कोई कारवाई न होने पर जब 17 जून को जनसुनवाई में शिकायत करने पहुंचे तो तहसीलदार ने उन्हें शिकायत नहीं करने दी। उन्होंने एक शिकायत तहसील कार्यालय में देने का कहकर किसान को दो दिन में रास्ता खोलने आश्वास्त कर दिया। सात दिन बाद भी किसान के खेत तक जाने का रास्ता नहीं खोला गया। जब इस मामले में तहसीलदार से जानकारी लेने के लिए कॉल किया गया तो साहब बदतमीजी पर उतर आए।उन्होंने तल्ख लहजे में इस प्रतिनिधि से कहा कि एक ही किसान नहीं है उनके पास सैकड़ों किसानों की शिकायतें आती है,,उन्हें याद नहीं है..जनसुनवाई में शिकायत न करने देने के सवाल पर साहब और तल्ख हो गए और बोल पड़े आप फालतू बात न करे आपको निवेदन करना चाहिए कि साहब रास्ता खुलवा दीजिए…इसी के साथ साहब ने अनर्गल बात करते हुए कॉल कट कर दिया। माना तहसीलदार साहब के पास सैकड़ों शिकायतें आती है पर शिकायत पर ध्यान न देने की वजह से किसान के चार एकड़ खेत में अब तक बुवाई नहीं हो पाई है..किसान का मत्स्य पालन भी प्रभावित हो रहा है। सात दिन पहले कलेक्टर को शिकायत करने से मना करने वाले तहसीलदार का कहना है कि अब। कलेक्टर से ही शिकायत करिए। बहरहाल जिले के संवेदनशील कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी से ही उम्मीद है कि किसान की समस्या का त्वरित निराकरण हो सके।किसान कल मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन देकर कलेक्टर से रास्ते के लिए गुहार लगाने की तैयारी में है।
कलेक्टर का तत्काल एक्शन
जब कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी को किसान की समस्या से अवगत कराया गया तो उन्होंने तहसीलदार को कॉन्फ्रेंस कॉल पर लेकर तत्काल किसान की समस्या के निराकरण और रास्ता खुलवाने के निर्देश दिए।साथ ही की गई कारवाई से अवगत भी कराने के लिए कहा। कलेक्टर ने तहसीलदार को इस दौरान मीडिया से बात करने के तौर तरीके भी सिखाए।