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चिचोली पुलिस को 4 लाख 45 हजार 781 रुपए गबन करने वाले तीन आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने में लग गया एक साल

✓आखिर चिचोली बीईओ कार्यालय में हुए लाखों के गबन के आरोपियों पर हो ही गई एफआईआर
✓चिचोली पुलिस को 4 लाख 45 हजार 781 रुपए गबन करने वाले तीन आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने में लग गया एक साल
परिधि न्यूज बैतूल


करीब एक साल पहले जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत विकासखंड शिक्षा अधिकारी चिचोली के कार्यालय में अफसरों की मिलीभगत से लेखापाल, लिपिकों द्वारा किए गए गबन एवं वित्तीय अनियमितता के मामले के उजागर होने के करीब एक साल बाद तीन आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गई। इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर के लिए एसी शिल्पा जैन द्वारा कई बार पुलिस से पत्राचार भी किया। जानकारी के अनुसार सप्ताह भर पहले कलेक्टर एफआईआर न होने पर सख्त नजर आए और उन्होंने तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देश दिए। जिसके बार एसी शिल्पा जैन ने एसपी निश्चल एन झारिया से सम्पर्क किया और चिचोली थाने में अंतत: तत्कालीन प्रभारी बीईओ डीके शर्मा, सहायक ग्रेड- 3 भूमिका बारस्कर (उघड़े) एवं प्रभारी लेखापाल राकेश बेडरे के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई। सूत्र बताते है कि इस मामले में एफआईआर के लिए दोपहर में चिचोली थाने पहुंचे अधिकारियों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी तब कही रात 11.30 बजे तक तीनों आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध हुआ।इतने समय तक एफआईआर न करने और दोषियों को जिस तरह से बचाने का प्रयास किया जा रहा था उससे कयास लगाए जा रहे है कि अब गिरफ्तारी न करते हुए आरोपियों को अग्रिम जमानत के लिए भी भरपूर मौका दिया जाएगा।
यह है पूरा मामला
बीईओ कार्यालय चिचोली में 4 लाख 45 हजार 781 रुपए का गबन करीब 1 वर्ष पहले उजागर हुआ था। यह गबन आयुक्त कोष एवं लेखा मप्र के निर्देश पर वित्त विभाग के अफसरों द्वारा घोड़ाडोंगरी एवं भीमपुर बीईओ कार्यालय में 63 लाख 62 हजार रुपए के गबन की जांच के दौरान ही सामने आया था। वित्त विभाग द्वारा जब चिचोली कार्यालय की जांच रिपोर्ट कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी को सौंपी तो, कलेक्टर ने इस मामले में रिपोर्ट के आधार पर गंभीर अनियमितता के दोषी पाये जाने पर बीईओ कार्यालय चिचोली में पदस्थ तत्कालीन प्रभारी बीईओ डीके शर्मा, सहायक ग्रेड- 3 भूमिका बारस्कर (उघड़े) एवं प्रभारी लेखापाल राकेश बेडरे, के विरुद्ध एफआईआर कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन करीब एक साल का लम्बा वक्त बीतने के बाद भी तीनों अधिकारी कर्मचारी एफआईआर से बचे हुए थे। लेकिन बीते दिनों इस गबन के मामले में एफआईआर न होने की जानकारी कलेक्टर के संज्ञान में आई। जिसके बाद कलेक्टर ने बिना देरी किए सभी आरोपियों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर कराने के लिए निर्देशित किया। गौरतलब है कि करीब एक साल पहले कलेक्टर द्वारा गबन का मामला सामने आते ही लिपिक भूमिका बारस्कर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था, प्रभारी बीईओ के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं निलंबन का प्रस्ताव आयुक्त जनजातीय कार्यालय विभाग मप्र को भेजा गया था। वित्त विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस गबन को प्रभारी लेखापाल राकेश बेडरे ने लिपिक भूमिका बारस्कर की लॉगिन पासवर्ड का उपयोग कर अंजाम दिया था। इस वजह से लिपिक भूमिका को भी दोषी माना गया। बीईओ डीके शर्मा के आहरण संवितरण अधिकारी होने के कारण लाखों रुपए का अनियमित भुगतान कर गबन को अंजाम देने में बीईओ श्री शर्मा भी उत्तरदायी एवं दोषी पाये गए।

इनका कहना…
सहायक आयुक्त द्वारा चिचोली थाने में एफआईआर कराई गई है।
निश्चल एन झारिया, एसपी बैतूल
पुराना मामला था, कलेक्टर साहब के निर्देश पर एफआईआर कराई ।
शिल्पा जैन, एसी बैतूल
फोन पर तो एफआईआर की जानकारी नहीं दे सकते। आप थाने आ जाईए, थाने  आकर ही जानकारी लेना पड़ेगा।
हरिओम पटेल, टीआई चिचोली 

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