हर तीन साल में बदलना है छात्रावास में अधीक्षिका पर, क्या बैतूल में संभव है?
✓हर तीन साल में बदलना है छात्रावास में अधीक्षिका पर, क्या बैतूल में संभव है?
✓जिले में आदेशों को ठेंगा, सात से दस वर्ष से एक ही छात्रावासों में टिकी है अधीक्षिकाएं
परिधि न्यूज लगातार
शासन के निर्देश हे कि बालिका छात्रावासों में प्रत्येक तीन वर्ष में अधीक्षक बदल दिए जाए लेकिन बैतूल जिले में वर्षों से इन नियमों और आदेशों की अवहेलना की जा रही है, लिहाजा जो जहां हे वहीं मलाई खा रहा है। इसका खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ रहा है जिनके हिस्से के राशन से लेकर सुविधाएं तक अधीक्षका डकार रही है। जिले के कस्तूबा एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस छात्रावास इसके उदाहरण है। जहां छात्रावास अधीक्षिकाएं सात से दस वर्षों से पदस्थ है लेकिन उन्हें हटाया नहीं गया।
क्या 30 जून तक बदल दिए जाएंगे अधीक्षक?
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा हाल ही में निर्देश जारी किए गए है कि जिन अधीक्षिकाओं को एक जगह पर तीन साल एवं सहायक वार्डन को पांच साल हो गए है उन्हें हटाकर नई अधीक्षिका एवं सहायक वार्डन की नियुक्ति की जाए, लेकिन बैतूल में जिले में इस आदेश का पालन होना कठिन है, क्योंकि इसके पूर्व भी कई आदेश आए लेकिन जिन अधीक्षिकाओं को हटाया जाना चाहिए था उन्हें नहीं हटाया गया। गत माह 9 मई को एक बार फिर राज्य शासन ने आदेश जारी कर कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बालक/ बालिका आवासीय छात्रावास में वार्डन एवं सहायक वार्डन के प्रभार एवं रिक्त पदों की पूर्ति के निर्देश दिए है। आदेश में उल्लेख है कि यदि वार्डन का कार्यकाल 3 वर्ष तथा सहायक वार्डन का कार्यकाल पांच वर्ष का हो चुका है तो उनके प्रभार में परिवर्तन किया जाना है। गौरतलब है कि पूर्व में आदेश के पालन न होने को लेकर विधानसभा प्रश्र लगने पर राज्यशिक्षा केन्द्र ने खेद भी जताया है। अब राज्य शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 30 जून तक सभी छात्रावासों के वार्डन एवं सहायक वार्डन जिनकी समयावधि पूर्ण हो गई है उनके प्रभार बदलने की कार्रवाई कर सूचित करने के आदेश जारी किए है।
नियमों की भी अनदेखी
जिले के कुछ छात्रावासों में चौकीदार की उम्र कम है, जबकि नियमानुसार 50 वर्ष से अधिक उम्र के ही व्यक्ति को चौकीदार के रुप में नियुक्त किया जाना है।इसके अलावा कई छात्रावास ऐसे भी है जहां चौकीदार नशे में रहते है। बालिका सुरक्षा की दिशा में भी गंभीरता कम दिखाई देती है क्योंकि अधिकांश छात्रावास अधीक्षिकाएं मुख्यालय पर न रहते हुए आवागमन करती है। ऐसे में बालिकाए या तो चौकीदार के भरोसे होती है या फिर अकेले रहने विवश होती है। इस संबंध में जानकारी के लिए डीपीसी जितेन्द्र कुमार भनारिया को उनके मोबाईल नंबर 9340434784 पर कॉल किया गया उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।