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उत्तर वन मंडल की 50 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण की साजिश,4 दिन में तन गई 40 झोपड़ियां

छिंदवाड़ा के आदिवासी के रहे बैतूल के रिजर्व फॉरेस्ट पर कब्जा

✓उत्तर वन मंडल के रिजर्व फॉरेस्ट में 4 दिन में तन गई 40 झोपड़ियां

✓50 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण की तैयारी

परिधि न्यूज बैतूल

जिले के जंगलों पर अतिक्रमण कोई नई बात नहीं है। जंगलों की अंधाधुंध कर कही खेती की जा रही है तो कही झोपड़ियां तानी जा रही है। ताजा मामला उत्तर वन मंडल का है जहां रिजर्व फॉरेस्ट में 4 दिनों में करीब 40 झोपड़ियां बनाकर आदिवासी रहने लगे है। कोरकू समुदाय के आदिवासी ज्यादातर छिंदवाड़ा जिले के है।जानकारी के अनुसार 150 परिवार मिलकर उत्तर वन मंडल की 50 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण की तैयारी में है।

जिले के उत्‍तर वन मंडल के रिजर्व फारेस्‍ट क्रमांक-333, बीट-दक्षिण खापा परिक्षेत्र-सारनी में  4 दिन पहले जिले की सीमा से लगे छिंदवाड़ा जिले के ग्रामों के आदिवासी परिवारों के द्वारा अतिक्रमण कर टपरे/झोपडियां बना ली है। अतिक्रमणकारी सभी आदिवासी परिवार कोरकू जाति के है।

इन ग्रामों के आदिवासियों ने किया अतिक्रमण

जानकारी के अनुसार सारनी वन परिक्षेत्र से लगे छिंदवाड़ा जिले के  बाकोडी, किला, सजारी, बखारी, दानवा, बिछुआ, मेढका, किल्‍लाढाना, भरदागढ़, भद्दाघाट,नांद, धोबे-बाथरी, दाउचिकड़ बर्री, कोयलबाड़ी,टेकाढाना,चांदनीयां,कोयलवानी,कांगरा,‍ रेगाभाटा, डोंगरखापा, जामुनढाना, रामपुरभाटा, करंजपानी के करीब 150 परिवार उत्तर वन मंडल के रिजर्व फॉरेस्ट में झोपड़ी निर्माण में जुटे है।

बैतूल जिले से भी एक दर्जन परिवार शामिल

वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण की योजना में बैतूल जिले के थाना बोरदेही, तहसील आमला अंतर्गत ग्राम खांडयापिपरिया के 3 परिवार एवं थाना सारनी के मछलीकाटा एवं ईटाभट्टा , खापा के 4 परिवारो द्वारा उक्‍त फारेस्‍ट रिजर्व की जमीन पर कब्‍जा कर निवास किया जा रहा है।

50 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण की तैयारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 4 दिनों में बांस-बल्‍ली लगाकर करीब 40 झोपड़ी का निर्माण कर लिया गया है। इनके द्वारा रिजर्व फारेस्‍ट की करीब 50 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण करने की योजना है। अतिक्रमणकारियों का नेतृत्‍व मुरतलाल पिता भिकारी शीलू जाति-कोरकू(आदिवासी) निवासी बाकोडी, जुन्‍नारदेव (छिंदवाड़ा) के द्वारा किया जा रहा है।

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