पूछता है बैतूल: आम जनता से जुड़ी समस्याओं पर चल रही जागरूक नागरिकों की कलम
✓पूछता है बैतूल: आम जनता से जुड़ी समस्याओं पर चल रही जागरूक नागरिकों की कलम
परिधि न्यूज बैतूल
पिछले कुछ दिनों से बैतूल के जागरूक नागरिकों का आक्रोश सोशल मीडिया पर सामने आ रहा है…न्याय, व्यवस्था और तमाम मुद्दों पर बाते हो रही है…प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सवाल हो रहे है इस उम्मीद में कि जो कुछ बैतूल में हो रहा है वह ठीक नहीं है…और जल्द ठीक होना चाहिए…
अभिषेक दुबे की कलम से


आम जनता से जुड़ी अनगिनत समस्याओं में हम हमारे विधायक महोदय का ध्यानाकर्षण करना चाहते हैं। कल रात भैया के विधानसभा क्षेत्र बैतूल के मुख्य बाजार सीमेंट रोड स्थित अरिहंत टेक्स्टाइल में चोरों ने सेंधमारी कर लगभग ग्यारह लाख रुपए चुरा कर ले गए। सुबह जब दुकान के संचालक पदम सुराना दुकान पहुंचे तो उन्हें इस चोरी की घटना के बारे में पता चला। उन्होंने अपने एक मित्र के माध्यम से कोतवाली टी आई को घटना की सूचना दी, पता चला कि उसी रात को आमला में भी एक डकैती डल गई है और बैतूल कोतवाली का स्टाफ आमला में व्यस्त है, जैसे तैसे एक पत्रकार मित्र के कहने पर पुलिस अधीक्षक महोदय ने लगभग ग्यारह बजे दिन को एक हेड कांस्टेबल भिजवाया और उसके बाद अन्य स्टाफ लेकिन टी आई साहब घटनास्थल पर नहीं आये।
अब अपने भैया विधायक की पुलिस की सही कहनी शुरू होती है। फरियादी पदम सुराना सुबह ग्यारह बजे से घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाने के लिए कोतवाली के चक्कर लगाता और लगभग रात के आठ बजे एफआईआर दर्ज की जाती है, लेकिन उसके पहले कोतवाली टी आई द्वारा कहे गए डायलॉग सुनिए,,,इतने रुपए दुकान में क्यों छोड़ा,,इनकम टैक्स वालों को जवाब देना पड़ेगा,, जो नोट चोरी हुए हैं उनकी डिटेल लाओ,, और सबसे शानदार था कि मैं तुम्हें सीआरपीसी की धारा 91 के तहत कल नोटिस दूंगा और तुम्हारे सारे दस्तावेज चेक करूंगा, हमारे विधायक भैया के विधानसभा क्षेत्र के टी आई साहब को पता होना चाहिए कि लगभग एक साल पहले ही सरकार ने सीआरपीसी को समाप्त कर दिया है, टी आई साहब का यह रौद्र रूप देखकर फरियादी घबरा गया और कहने लगा कि यह तो मुझे ही नोटिस भेजने की बात कर रहे हैं, मुझे नहीं लिखवाना एफआईआर।
भैया जी ये आपकी पुलिस है जो फरियादी से आरोपी की तरह व्यवहार कर रही है, इसके पहले जिले में एक दबंग महिला पुलिस अधीक्षक थीं,सिमाला प्रसाद उनके कार्यकाल में इतनी अपराधिक घटनाएं नहीं होती थीं, उनके समय अपराधियों के हौसले पस्त थे और आज आपकी पुलिस फरियादी के साथ अपराधियों जैसा सुलूक कर रही है, आप आम जनता का फोन नहीं उठाते है, जनता अपनी फरियाद किससे करे और सुना है कि आप प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले हैं, हमारी शुभकामनाएं आपके साथ है लेकिन भैया पहले अपने जिले और विधानसभा क्षेत्र पर ध्यान दें,अगली बार आपको अगले विभाग की ऐसी ही आंखों देखी कहानी ।
सपन दुबे की कलम से


डियर जनप्रतिनिधियों प्लीज जवाब दिजिए, पूछता है बैतूल कोरोना के पहले तक बैतूल में जेईई के विद्यार्थियों को बैतूल सेंटर मिलता था। फिर अचानक बंद हो गया। अब बैतूल शहर के साथ दूरस्थ अंचलों के बच्चों को भोपाल या अन्य शहरों में पेपर देने जाना पडता है। जिससे बच्चों को बहुत कठिनाईयों के साथ अनावशयक आर्थिक बोझ पडता है। जब पहले पेपर होते थे तो अब क्यों नहीं होते! नए उपक्रम लगे ना लगे जो जनहित की चीजें हैं उन्हें तो संभाल कर रखा जा सकता है।
साभार सोशल मीडिया