मुखबिर का मंत्र… 7 लाख का…!
मुखबिर का मंत्र
गाजरघास की खेती
गौरी बालापुरे पदम परिधि चटकारा
जिले का एक विभाग मुखबिर तंत्र के सहारे ही सांस लेता है, यदि यह तंत्र विफल हो जाए तो इस विभाग की हालत पस्त हो सकती है, हालांकि हर बात पर मुखबिर ने बताया, मुखबिर ने सूचना दी इस आधार पर ही काम करने वाला विभाग अपने मुखबिर तंत्र को उस वक्त नाकारा और झूठा साबित करने पर आमादा हो जाता है, जब बात विभागीय नुमाइंदों के फायदे की होती है। मुखबिर के द्वारा सोमवार रात दी गई ऐसी ही एक सूचना और उस पर की गई लीपापोती पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा के चटकारे लगाए जा रहे है। कोयला क्षेत्र की गली-गली में फिलहाल एक खेत की फसल रातो-रात कट जाने की चर्चा जोरो पर है। खेत में लगी गाजरघास की फसल को देखने सोमवार रात 9.30 बजे प्रोटोकाल के हिसाब से तय दल पहुंचा और कुछ ही घंटो में पूरी गाजरघास गायब कर दी और इसके एवज में 6 से 7 लाख रुपए मेहनताना ले लिया।पर बेचारा मुखबिर यहां झूठा साबित हो गया! उसने साहब को बताया तो सही-सही था कि साहब फोफस नदी और छुरी के बीच नेताजी के खेत में बड़ी-बड़ी गाजरघास उग आई है।पर,मुखबिर को इस बात का बिलकुल आभास नही था कि यह गाजरघास रातोरात करीब 7 लाख में कट जाएगी। पूरी कहानी का सार सिर्फ इतना था कि मुखबिर ने बताया जरुर था,विभाग पहुंचा भी लेकिन था कुछ नहीं…!