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निरक्षरों की टॉपर बेटी शिवानी की कहानी

निरक्षरों की टॉपर बेटी शिवानी  की कहानी

✍?परवेज खान बैतूल

कहते हैं माता-पिता हर बच्चे की पहले गुरु होते हैं ।दूसरा नंबर शिक्षक का आता है, लेकिन जब माता-पिता ही निरक्षर हो और कभी स्कूल की दहलीज पर पाव ना धरे हो तो बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा? यह एक सवाल दिमाग मे कौंधता है, लेकिन इसका जवाब टॉपर,,, हो तो जीभ दांतों के बीच आ जाती है। मंगलवार को एमपी बोर्ड की कक्षा 10th का रिजल्ट घोषित हुआ। इसमें घोड़ाडोंगरी ब्लाक के चिखलीमाल की शिवानी कवड़े ने स्कूल में टॉप किया। शिवानी गांव के स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा है। उसने कक्षा दसवीं में 82. 2% अंक प्राप्त किए हैं। इसमे भी खास बात ये है कि उसके माता-पिता दोनों निरक्षर है, वे मजदूरी कर अपने परिवार का गुजर बसर चलाते हैं। शिवानी के रिजल्ट की घर खुशियां बिखरी हुई थी,, दूसरी तरफ छात्रा शिवानी की इस उपलब्धि की खुशी बैतूल में एक और शख्स भी मना रहा था,,,वह कोई और नहीं बल्कि इसी स्कूल के पूर्व प्रभारी प्राचार्य आनंद साहू है। वे एक माह पूर्व ही रिटायर हुए थे। इस स्कूल में उन्होंने छह साल तक सेवाएं दी। जब 10वी का रिजल्ट आया तो उन्होंने मुझे फोन लगते हुए कहा कि इस बार हमारे स्कूल रिजल्ट अच्छा रहा है,,इस पर मैने कहा कि सर आप तो रिटायर हो गए हैं,, तो बोले स्कूल का रिजल्ट अच्छा आने की खुशी तो मना सकते हैं ना,,। वे बताते है कि 2019 के बाद ये पहला मौका है, जब स्कूल का रिजल्ट 86.37 प्रतिशत तक पहुंचा। पिछले 6 सालों के दौरान ये भी पहली बार हुआ , जब एक आदिवासी वर्ग की बालिका ने स्कूल में टॉप किया।शिवानी कवड़े के माता-पिता ने मजदूरी कर गरीब परिस्थित में बेटी को पढ़ाया। बेटी ने भी उनकी मेहनत को अच्छा रिजल्ट लाकर ना केवल साकार किया बल्कि शिक्षकों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उसके माता-पिता का सपना बेटी को कलेक्टर बनते हुए देखना है। वे शिवानी को हर बार मोटिवेट करते थे। उन्होंने बताया कि वे जब रिटायर हो रहे थे, तब बच्चे उनके पास यह पूछने आए थे कि आपके लिए क्या गिफ्ट लाए ,, तो मैंने कहा था आप रिजल्ट अच्छा लाओ यही सबसे बड़ा उपहार है। शिवानी और स्कूल के रिजल्ट से खुश श्री साहू ने इस पर टॉपर छात्रा को 26 जनवरी को 5 हजार रुपए देने और 12वी तक की पढ़ाई की फीस देने की घोषणा कर दी,,,।

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