उम्र की बंदिशों में नहीं रहता अल्लाह की इबादत का जुनून,चार साल के मासूम शाजैद ने रखा पहला रोजा
✓उम्र की बंदिशों में नहीं रहता अल्लाह की इबादत का जुनून,चार साल के मासूम शाजैद ने रखा पहला रोजा
परिधि न्यूज बैतूल
मुस्लिम समाज के पवित्र माह रमजान में रोजा रखने वालों पर अल्लाह की रहमत की बारिश होती है। माना जाता है कि रमजान के माह में अल्लाह हर एक नेकी के बदले कई गुणा नेकियों का सबाब अता फरमाते हैं। अपने अल्लाह के प्रति इबादत का जुनून उम्र की बंदिशों में नहीं रहता।इसका जीता जागता उदाहरण है आजाद वार्ड बैतूल निवासी खालिद खान का नवासा शाजैद खान जिसने महज़ 4 वर्ष की उम्र में 26 वा पहला रोजा रखा।मासूम बच्चे के इबादती जज्बे को देख बड़े-बड़े ने दांतों तले उंगली दबा ली। खंडवा निवासी शाहबाद खान एवं हिना अंजुम के बेटे शाजैद खान ने गुरुवार को जब अपना पहला रोज़ा रखा तो पूरे घर और रिश्तेदारों में खुशियों का माहौल था।