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SBM SCAM चिचोली-भीमपुर: तीन हजार के ऑपरेटर कैसे बने करोड़ों के असामी

स्कैम के मास्टरमाइंड राजेंद्र ने कैसे कराई जनपद कार्यालयों में सुमित-सुकेश की एंट्री...!

✓SBM SCAM चिचोली-भीमपुर: तीन हजार के ऑपरेटर कैसे बने करोड़ों के असामी
✓स्कैम के मास्टरमाइंड राजेंद्र ने कैसे कराई जनपद कार्यालयों में सुमित-सुकेश की एंट्री…!
परिधि पड़ताल बैतूल


बैतूल। कभी चिचोली की प्राईवेट दुकानों में 3 से 4 हजार रुपए मासिक मानदेय पर कार्य करने वाले दो युवक कुछ ही वर्षों में करोड़ों के मालिक बन गए है। गाड़ी, प्रापर्टी से लेकर ऐशो-आराम के तमाम साधन उनके पास मौजूद है। यह दोनों युवक वर्तमान में डाटा एंट्री ऑपरेटर है। करीब दस सालों में दुकान में काम करने से लेकर जनपद पंचायत में डाटा एंट्री ऑपरेटर तक का सफर करने वाले दोनों युवकों ने स्वच्छ भारत मिशन को जमकर चुना लगाया। एसबीएम घोटाले के मास्टर माइंट राजेन्द्र कुमार परिहार के साथ पुरानी दोस्ती निभाते हुए इस तिकड़ी ने दो जनपदों में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए के घोटाले को अंजाम तक पहुंचाया। चिचोली-भीमुपर का यह एसबीएम स्कैम पूरे प्रदेश में सुर्खियों में है।
जिले में स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक और बाद में चिचोली एवं भीमपुर के ब्लाक समन्वयक के प्रभार पर रहते हुए राजेन्द्र कुमार परिहार द्वारा दोनों ही जनपदों में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए के स्कैम अपने ही कुछ साथियों के साथ अंजाम दे दिया। समय रहते यह घोटाला जनपद पंचायत भीमपुर के वर्तमान सीईओ की सतर्कता से उजागर हो गया अन्यथा 31 मार्च 2025 के बाद यदि एसबीएम पोर्टल बंद हो जाता तो करोड़ों के घोटाले की किसी को भनक तक नहीं लगती। इस गबन को ई-माध्यम से दो ऑपरेटर्स के टेलेंट और जनपद पंचायतों में पदस्थ रहे सीईओ की डिजीटल सिग्रेचर का अनाधिकृत रुप से उपयोग कर अंजाम दिया गया।
स्कैम की तिकड़ी का दस साल पुराना कनेक्शन चर्चा में
एसबीएम स्कैम के मास्टर माइंड राजेन्द्र कुमार परिहार का जनपद पंचायत चिचोली में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर सुकेश कहार एवं भीमपुर जनपद के डाटा एंट्री ऑपरेटर सुमित सोनी से कनेक्शन दस साल पुराना है। हैरत की बात यह है कि राजेन्द्र ने ही दोनों युवकों को जनपद पंचायतों में एंट्री दिलाई थी। तीनों के बीच पक्की बाउंडिंग ने ही उन्हें कुछ ही वर्षों में हजारों से करोड़ों में खेलना सिखा दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भीमपुर जनपद का डाटा एंट्री ऑपरेटर सुमित वर्ष 2014-15 में चिचोली की एक बुक शॉप में काम करता था। यहां वह कम्पयूटर ऑपरेटिंग का भी काम करता था। सुमित वर्ष 2015-16 में राजेन्द्र परिहार के सम्पर्क में आया था। यही से दोनों का कनेक्शन जुड़ा और राजेन्द्र ने सुमित को भीमपुर जनपद की आवास शाखा में डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम दिलवाया। इसी तरह सुकेश को भी राजेन्द्र ने ही चिचोली जनपद में ऑपरेटर के तौर पर एंट्री दिलाई थी। दस वर्षों से परिचित राजेन्द्र-सुमित और सुकेश के बीच की बाउंडिंग इतनी जबरदस्त थी कि तीनों कुछ ही वर्षों में मालामाल हो गए। सूत्र बताते है कि जनपद पंचायत में नौकरी राजेन्द्र ने दिलवाई थी इसलिए दोनों ऑपरेटर उसी की हाथ की कठपुतली बनकर काम कर रहे थे। बहरहाल यह तो स्पष्ट है राजेन्द्र ने कम्पयूटर के दोनों जानकारों को सोची समझी साजिश के तहत ही जनपद पंचायतों में प्लांट किया था।

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