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रोम जल रहा था और नीरो बासुंरी बजा रहा था….!!! स्वच्छ भारत मिशन चिचोली-भीमपुर: 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए पर लग गई झाड़ू

दो जनपदों में 8 सीईओ बदले प्रत्येक सीईओ की डिजीटल सिग्रेचर से लगता रहा स्वच्छ भारत मिशन को पलीता

✓रोम जल रहा था और नीरो बासुंरी बजा रहा था….!!! स्वच्छ भारत मिशन चिचोली-भीमपुर: 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए पर लग गई झाड़ू
✓दो जनपदों में 8 सीईओ बदले प्रत्येक सीईओ की डिजीटल सिग्रेचर से लगता रहा स्वच्छ भारत मिशन को पलीता
परिधि न्यूज बैतूल

वैसे तो इंदौर शहर पूरे देश में स्वच्छता के लिए मशहूर है, बार-बार यह शहर अपने ही रिकार्ड तोड़ता रहा है, लेकिन बैतूल जिले के आदिवासी विकासखंडों में एक ब्लॉक समन्वयक ने जिस तरह स्वच्छ भारत मिशन पर झाड़ू लगाई है उसके सामने बड़े-बड़े दिज्गज आसमान ताक रहे है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी अभियान को जिले में पिछले चार वर्षों से एक ब्लाक समन्वयक पलीता लगाकर न सिर्फ खुद करोड़पति बन गया बल्कि एक दर्जन से अधिक लोगों को भी स्वच्छता की मिलाई खिलाता रहा। पूरे प्रदेश में यह मामला तूल पकड़े हुए है और बड़ी ही सफाई से किए गए इस भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए स्टेट से विशेष टीम को भी जिले के अंतिम छोर तक दौड़ लगानी पड़ गई। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत संभवत: यह प्रदेश का ही नहीं अपितु पूरे देश सबसे निराला घोटाला है जिसमें 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 का गबन को ब्लाक कॉडिनेटर राजेन्द्र सिंह परिहार ने दो कम्प्यूटर ऑपरेटर सुमीत सोनी भीमपुर एवं सुकेश कहार चिचोली के साथ मिलकर अंजाम दे दिया। हैरत की बात यह है कि पिछले चार वित्तीय वर्ष में 6 अधिकारी चिचोली जनपद पंचायत में सीईओ रहे और भीमपुर में दो अधिकारयों की पदस्थापना रही। इन सब की डिजीटल सिग्रेचर का उपयोग ब्लॉक कार्डिनेटर करता रहा और स्वच्छता मिशन की राशि का सफाया होता रहा।
6 मार्च को सामने नहीं आता सच तो उजागर ही नहीं होता गबन
पूरे गबन का पर्दा भीमपुर में पदस्थ प्रभारी सीइओ अभिषेक वर्मा की सतर्कता से उठा। 6 मार्च को जब श्री वर्मा ने एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) पोर्टल ओपन किया तो  उन्हें करीब 40 लाख रुपए ही पोर्टल में शेष दिखे।यह राशि की गई डिमांड और कार्यों की तुलना में कम थी जिससे उन्हें गड़बड़ी की शंका हुई।इसके बाद उन्होंने पोर्टल से भुगतान और बाकी डिटेल खंगाली। बड़ा घपला उजागर होता देख श्री वर्मा ने जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन से मार्गदर्शन मांगा। एसबीएम में करोड़ों के घोटाले की जानकारी कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी की जानकारी में लाई गई और इसी दिन कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने चिचोली-भीमपुर जनपदों का औचक निरीक्षण भी किया। सीईओ अभिषेक वर्मा से मिले इनपुट के बाद ट्रेजरी अधिकारी अरुण वर्मा, वरिष्ठ लेखा अधिकारी इंदिरा मेहतो, जिला पेंशन अधिकारी की टीम ने कलेक्टर के निर्देश पर एसबीएम के तहत हुए भुगतान की जांच की। इसके अलावा स्टेट कमेटी भी इस घोटाले की जांच के लिए भीमपुर एवं चिचोली पहुंची। इस मामले में ब्लाक कॉडिनेटर राजेन्द्र सिंह परिहार सहित 12 लोगों के विरुद्ध एफआईआर बुधवार देर रात तक दर्ज की गई। गौरतलब है कि यदि 6 मार्च को सीईओ एसबीएम पोर्टल नहीं देखते तो शायद यह घोटाला उजागर ही नहीं होता, इसके पीछे बड़ी वजह यह भी है कि 31मार्च को एसबीएम का पोर्टल बंद हो जाता और करोड़ों के गबन पर पर्दा डला का डला रह जाता। जानकारी के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन के लिए अब नए पोर्टल स्पर्श पर ट्रांजेक्शन होते है। एसबीएम पोर्टल 31 मार्च 2025 को बंद होने वाला है। अगर यह तारीख निकल जाती तो संभवतः इस पोर्टल पर किया गया करोड़ों का फर्जी लेनदेन सामने ही नहीं आता।गौरतलब है कि जनपद पंचायतों में करीब 8 अन्य पोर्टल से भी ट्रांजेक्शन होता है। इन पोर्टल से भुगतान के लिए ओटीपी आता है लेकिन एसबीएम पोर्टल से भुगतान के लिए ओटीपी की सुविधा न होने से ब्लॉक समन्वयक ने पूरे स्कैंडल को आसानी से अंजाम दे दिया।
कब कहां कौन रहा सीईओ
रोम जल रहा था और नीरो बासुंरी बजा रहा था कुछ इसी तर्ज पर चिचोली और भीमपुर में चंद लोगों ने मिलकर 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए पार कर लिए। हैरत की बात यह है कि घोटाला वर्षों से चल रहा था और इतने वर्षों में आठ अधिकारियों की डिजीटल सिग्रेचर बार-बार उपयोग होती रही, जिसकी भनक तक उन्हें नहीं लगी। चिचोली जनपद पंचायत में नवंबर 2021 से फरवरी 2022 तक अपूर्वा सक्सेना, फरवरी 2022 से 2023 तक अभिषेक वर्मा, फरवरी 2023 से 10 मई 2023 तक के सी परते, सितंबर 2023 से फरवरी 2024 तक अभिषेक वर्मा, फरवरी 2024 से अप्रैल 2024 तक एश्वर्य वर्मा, मई 2024 से वर्तमान तक राजकुमार रजक पदस्थ रहे। उक्त सभी प्रभारी सीईओ की डिजीटल सिग्रेचर का प्रयोग कर 9 करोड़ 13 लाख 36 हजार 700 रुपए का भुगतान अलग-अलग खातों में किया गया। इसी तरह भीमपुर में वर्ष 2021 से 2023 तक कंचन वास्कले एवं सितंबर 2023 से वर्तमान तक अभिषेक वर्मा पदस्थ है। भीमपुर जनपद पंचायत से 4 करोड़, 8 लाख 4 हजार 520 रुपए का भुगतान एसबीएम से हुआ। इस लंबी अवधि में अभिषेक वर्मा चिचोली एवं भीमपुर दोनों जनपदों में पदस्थ रहे है और भीमपुर सीईओ रहते हुए उनकी सतर्कता से ही यह बड़ी चूक और करोड़ों का गबन उजागर हुआ। यह भुगतान ग्रे वॉटर, मैनेजमेंट सिस्टम, सोकपीट निर्माण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, नाडेप, लिच पीट के अलावा सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के नाम पर किया गया।
करोड़ों के गबन का मास्टर माइंड राजेन्द्र
प्रारंभिक तौर पर जब एसबीएम के तहत हुए भुगतान की जांच की गई तो ब्लॉक कॉर्डिनेटर राजेन्द्र को बतौर वेंडर भुगतान करना पाया गया। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर गठित जांच कमेटी ने वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 के दौरान राजेन्द्र सहित चार फर्म एवं पांच स्वच्छता ग्राहियों के बैंक खातों में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 का भुगतान कर गबन किया। राजेन्द्र ने भीमपुर-चिचोली जनपद के कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की मदद से सीईओ की डिजीटल सिग्रेचर का अनाधिकृत रुप से उपयोग कर यह गबन किया। एसबीएम पोर्टल पर ओटीपी एवं एसएमएस सुविधा न होने से बिना किसी पचड़े के वह संबंधित सीईओ के संज्ञान में जानकारी लाए बिना अपने खेल को अंजाम देता रहा और बिना डिमांड, नोटशीट, बिल-बाऊचर, सामग्री सत्यापन के खातों में करोड़ों रुपए डकारता रहा।
इन पर की गई एफआईआर
इस फर्जीवाड़े में राजेन्द्र सिंह, सुमीत सोनी, सुकेश कहार सहित आशीष कंस्ट्रक्शन चिचोली, मैक ऑटो इंडिया नई दिल्ली, मकीना एसोसिएट इंदौर, शॉपिंग भंडार इंदौर, स्वच्छता ग्राही बीरबल रावत, शिवालु इवने, जामदू आहके, सोनू शिवांकर, जप सदस्य सपना इवने के विरुद्ध चिचोली थाने में धारा 420, 409 और 34 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इस पूरे खेल का मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह परिहार फरार है।इधर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी एवं जिला पंचायत सीईओ इस पूरे स्कैंडल को लेकर सख्त है।राजेंद्र कुमार एवं अन्य कुछ लोगों की सेवा समाप्त करने की भी कारवाई की जा रही है।
जब राजेन्द्र जिला समन्वयक था तब लगभग हर दिन होता था करोड़ों का भुगतान…!
चिचोली-भीमपुर में एसबीएम का यह घोटाला सामने आने के बाद राजेन्द्र सिंह परिहार की साजिश को लेकर अधिकारी भी हैरत में है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्ष 2016 में जब स्वच्छ भारत मिशन का शुरुआती दौर था, तब भी एसबीएम में गड़बड़ी सामने आई थी, लेकिन वह हवा हो गई। उस दौरान हर घर शौचालय अभियान के चलते प्रतिदिन करोड़ों रुपए का भुगतान किया जाता था और हैरत की बात यह है कि उस समय 13 करोड़ से ज्यादा का गबन का आरोपी राजेन्द्र जिला समन्वयक की गद्दी पर विराजमान था। चिचोली-भीमपुर में एक फर्म शॉपिंग भंडार में बड़ी राशि का भुगतान किया गया है, जानकारी के अनुसार इस फर्जी फर्म में जिले के अन्य विभागों से भी भुगतान होता है। इसके अलावा अलावा डाटा एंट्री ऑपरेटर सुमीत सोनी के पास भीमपुर की 54 में से अधिकांश पंचायतों के सरपंच सचिवों की डीएससी (डिजीटल सिग्रेचर) है, सोनी ट्रेडर्स के नाम पर ऑपरेटर का भी एक वेंडर है जिसमें भी भुगतान होने की जानकारी सामने आ रही है। कुछ ही वर्षों में इस कंप्यूटर ऑपरेटर ने भी करोड़ों की संपत्ति जुटा ली है।फिलहाल वह सरपंच सचिव परेशान है जिनकी डिजिटल सिग्नेचर इस ऑपरेटर के पास है।

डीएम साहब ध्यान दीजिए भीमपुर स्वास्थ्य विभाग में भी बड़े फर्जीवाड़े की आशंका

क्षेत्र के जागरूक लोगों का कहना है कि भीमपुर वर्षों से भ्रष्टाचार का गढ़ रहा है।यहां स्वास्थ्य विभाग बड़े फर्जीवाड़े की खबर है।  खासतौर पर रोगी कल्याण समिति एवं 2021-25 तक के सभी मद काया कल्प हो या जननी सुरक्षा योजना, प्रसव सुरक्षा योजना आदि के लिए आवंटित बज़ट एवं उसके खर्च की डिटेल खंगाली जाएगी तो एक और स्कैंडल बाहर आ सकता है।

इनका कहना…

एसबीएम पोर्टल पर डिमांड के मुताबिक कम राशि को देखकर संदेह होने पर जांच की गई तो फर्जी भुगतान सामने आया।वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में जानकारी लाई गई जिसके बाद जिला एवं स्टेट कमेटी ने पूरे प्रकरण में जांच की जा रही है।दो जनपदों में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार 220 रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है।

अभिषेक वर्मा, सीईओ, जनपद पंचायत भीमपुर

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