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अपने अधिकारों को जानें, समाज को अपराध मुक्त बनाएं: एसपी निश्चल झारिया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आदिवासी समाज की नारी शक्ति ने दिखाई एकजुटता

✓अपने अधिकारों को जानें, समाज को अपराध मुक्त बनाएं: एसपी निश्चल झारिया
✓अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आदिवासी समाज की नारी शक्ति ने दिखाई एकजुटता
✓आदिवासी सामुदायिक मंगल भवन में आयोजित किया गया कार्यक्रम
✓कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित, विजेताओं को पुरस्कार वितरित

परिधि न्यूज बैतूल 

बैतूल। समस्त आदिवासी समाज संगठन महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन गुरुद्वारा रोड स्थित आदिवासी सामुदायिक मंगल भवन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी समाज की वरिष्ठ महिलाओं द्वारा दीप प्रज्वलन और महापुरुषों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद महिला अतिथियों का स्वागत हल्दी चावल का टीका लगाकर, पुष्प गुच्छ और भारतीय संविधान की प्रस्तावना के फोटो फ्रेम उपहार स्वरूप देकर किया गया।


कार्यक्रम के दौरान कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। एमसीआई डांस टीम और खेड़ली डांस ग्रुप ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिससे कार्यक्रम और अधिक आकर्षक बन गया।एसबीआई जनरल इंश्योरेंस की ओर से महिला दिवस के अवसर पर केक काटकर सभी महिला अतिथियों और उपस्थित नारीशक्ति को पौधे और बैग वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना होगा और समाज में अपराध पर रोक लगाने के लिए सतर्क रहना होगा। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि गांव से शहर पढ़ने आने वाले बच्चों पर ध्यान दें। उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्रयास एक कोशिश कार्यक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि इसके माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों को सही दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है।
आधुनिक खेती और सरकारी योजनाओं की दी जानकारी
कृषि विभाग में पदस्थ अलका धुर्वे ने महिलाओं को आधुनिक खेती और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं नई तकनीकों को अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं और कृषि विभाग से संपर्क कर योजनाओं का लाभ ले सकती हैं।डीएसपी शिखा भलावी ने महिलाओं के अधिकारों और कानूनों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और किसी भी परिस्थिति में पीछे हटने की आवश्यकता नहीं है।आदिवासी समाजसेवी राखी करोचे ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी होना आवश्यक है। वे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
महिलाओं को सशक्त और जागरूक होना जरूरी


डॉ. कृष्णा मौसिक ने कहा कि महिलाएं अपने घर-परिवार के साथ राष्ट्र की विकास धारा में तेजी से खुद को जोड़ रही हैं और हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।महिला नेत्री पुष्पा पेंदाम ने कहा कि महिलाओं को सशक्त और जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि वे अब हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और उनके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है।महिला समाजसेवी देवेश्वरी मरकाम ने कहा कि महिलाओं को शिक्षित करना और सामाजिक बुराइयों को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करना है।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर डॉ. लिपि पदमाकर, डॉ. भारती सरियाम, गौरी बालापुरे पदम्, रेंजर कीर्ति मरकाम, आकांक्षा खातरकर, गीता उइके, मीनाक्षी कवड़े, करुणा सरियाम, कंचन धुर्वे, दुर्गा उइके, शशि वाडिवा, संगीता परते, अनीता सलामे, बबली कुमरे, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की एम. डी. निता निगम, पुष्पा मर्सकोले, राकेश कुमार बैरवा (एसबीआई जनरल इंश्योरेंस), निर्मला पन्द्राम, रनिता धुर्वे, बैतूल बाजार थाना प्रभारी अंजना धुर्वे, पूजा उइके, गोंडी गायिका ममता उइके, वीणा धुर्वे, नेहा इवने, ज्योति उइके, अंतिम काकोडिया, आरती कंगाले, जयवंती इरपाचे, मीणा उइके, जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके, जितेंद्र सिंह इवने, डॉ. राजा धुर्वे, राजेश कुमार धुर्वे, जामवंत सिंह कुमरे, रामदास उइके, कानुलाल उइके, सुनील कवड़े, डॉ. प्रदीप उइके, प्रियंका सिरसाम सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।

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